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सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी ने राम मंत्र की दीक्षा ली, गुरु ने मांगी PoK

भारत के थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने तुलसी पीठ में जगद्गुरु रामभद्राचार्य से राम मंत्र की दीक्षा ली। इस अवसर पर गुरु ने दक्षिणा में PoK की मांग की, जो पूरे देश में चर्चा का विषय बन गया। जनरल द्विवेदी ने न केवल आध्यात्मिक अनुभव किया, बल्कि सामाजिक पहलुओं पर भी ध्यान दिया। उनके दौरे के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, जिससे देशभक्ति का भाव भी जागृत हुआ।
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सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी ने राम मंत्र की दीक्षा ली, गुरु ने मांगी PoK

सेना प्रमुख की आध्यात्मिक यात्रा

रामभद्राचार्य दक्षिणा: भारत के थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने मध्य प्रदेश के चित्रकूट में स्थित तुलसी पीठ में जगद्गुरु रामभद्राचार्य से राम मंत्र की दीक्षा प्राप्त की। गुरु रामभद्राचार्य ने जनरल द्विवेदी से दक्षिणा में कुछ मांगा, जिसने पूरे देश का ध्यान खींचा। उन्होंने मुस्कराते हुए कहा, 'मैंने दक्षिणा में उनसे PoK मांगा है.'


राम मंत्र का महत्व

जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने बताया कि उन्होंने जनरल द्विवेदी को वही पवित्र राम मंत्र दिया है, जो माता सीता ने श्रीहनुमान को लंका विजय के लिए दिया था। उन्होंने कहा, 'यह वही मंत्र है जिसने हनुमान को अजेय बना दिया था, और अब यही मंत्र हमारी सेना के सर्वोच्च अधिकारी को प्रदान किया गया है.'


पाकिस्तान के खिलाफ कड़ा संदेश

'पाकिस्तान कोई हरकत करे तो...'

गुरु रामभद्राचार्य ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि पाकिस्तान की ओर से कोई आतंकवादी गतिविधि होती है, तो उसे पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा। उनका यह बयान आध्यात्मिक माहौल में राष्ट्रवाद की भावना को और मजबूत करता है.


सामाजिक पहलुओं पर ध्यान

सेना प्रमुख का सामाजिक दौरा

जनरल द्विवेदी का यह दौरा केवल आध्यात्मिक नहीं, बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय का निरीक्षण किया और सद्गुरु सेवा संघ ट्रस्ट द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर पद्मश्री डॉ. बीके जैन ने उनका स्वागत किया और जनरल ने गुरु रामभद्राचार्य को एक विशेष स्मृति चिन्ह भी भेंट किया.


सुरक्षा इंतजाम

कड़े सुरक्षा इंतजाम

सेना प्रमुख के आगमन से पहले ही तुलसी पीठ क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। आश्रम से लेकर कांच मंदिर तक सुरक्षाबलों की तैनाती की गई थी। जनरल द्विवेदी की उपस्थिति ने न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा दी, बल्कि देशभक्ति का भाव भी जगाया.