सोनभद्र में खनन हादसा: दो मजदूरों की मौत, कई दबे होने की आशंका
सोनभद्र में खनन के दौरान बड़ा हादसा
सोनभद्र। उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में शनिवार को खनन के दौरान एक गंभीर दुर्घटना घटित हुई। यह घटना ओबरा थाना क्षेत्र के बिल्ली मारकुंडी खनन क्षेत्र में हुई। जानकारी के अनुसार, कृष्णा माइनिंग के प्रोफेशनल दिलीप केसरी और मकसूदन सिंह की खदान में यह हादसा हुआ।
इस दुर्घटना में अब तक दो मजदूरों के शव निकाले जा चुके हैं, जबकि कई अन्य के मलबे में दबे होने की आशंका है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना का संज्ञान लेते हुए राहत और बचाव कार्यों के लिए निर्देश दिए हैं।
बताया गया है कि खदान में सात ड्रिल मशीनें कार्यरत थीं, जिनमें से प्रत्येक पर कम से कम दो लोग काम कर रहे थे। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि मलबे में कितने लोग फंसे हुए हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, ड्रिलिंग के दौरान मलबा गिरने के कारण यह हादसा हुआ।
अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया
जिले के उच्च अधिकारी घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंचे हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन को जल्द से जल्द शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन अंधेरे के कारण इसमें देरी हो रही है। प्रशासन ने एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों को भी बुलाया है, साथ ही मिर्जापुर से भी सहायता मांगी गई है।
हादसे में जान गंवाने वाले मजदूर
इस दुर्घटना में जान गंवाने वालों में संतोष और इंद्रजीत शामिल हैं, जो करमसार के निवासी थे। मलबे में अन्य मजदूरों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, यह हादसा हेवी ब्लास्टिंग के कारण हुआ है। घटना स्थल पर मृतकों के परिजनों में शोक का माहौल है।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया
जिला अधिकारी बी एन सिंह ने बताया कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कितने लोग मलबे में दबे हैं। प्राथमिकता के तौर पर रेस्क्यू ऑपरेशन को तेजी से चलाने का प्रयास किया जा रहा है।
सरकारी आदेश का उल्लंघन
राज्यमंत्री संजीव कुमार गोंड ने बताया कि जिला प्रशासन ने 15 नवंबर को खदान बंद रखने का आदेश दिया था। पिछले तीन दिनों से सभी कार्य बंद थे। उन्होंने कहा कि यह जांच की जाएगी कि खदान में काम किसके निर्देश पर शुरू हुआ। मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
