सोनिया गांधी ने मनरेगा पर मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना की
सोनिया गांधी का बयान
नई दिल्ली। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को कहा कि उन्हें आज भी याद है कि 20 साल पहले, जब डॉ. मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तब संसद में मनरेगा कानून को सर्वसम्मति से पारित किया गया था। यह एक ऐतिहासिक कदम था, जिसने करोड़ों ग्रामीण परिवारों को लाभ पहुंचाया, विशेषकर वंचित और गरीब वर्ग के लिए रोजगार का एक महत्वपूर्ण साधन बना।
भाई और बहनों.. नमस्कार
मुझे आज भी याद है, 20 साल पहले डॉ. मनमोहन सिंह जी प्रधानमंत्री थे, तब संसद में मनरेगा कानून आम राय से पास किया गया था। यह ऐसा क्रांतिकारी कदम था, जिसका फायदा करोड़ों ग्रामीण परिवारों को मिला था। खासतौर पर वंचित, शोषित, गरीब और अतिगरीब लोगों के लिए… pic.twitter.com/mjH4CfYRVe
— Congress (@INCIndia) December 20, 2025
कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को सोनिया गांधी का एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा कि रोजगार के लिए अपने गांव और परिवार को छोड़ने की आवश्यकता कम हुई है। मनरेगा ने रोजगार का कानूनी अधिकार प्रदान किया और ग्राम पंचायतों को सशक्त बनाया। यह महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपनों की दिशा में एक ठोस कदम है।
सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि पिछले 11 वर्षों में मोदी सरकार ने ग्रामीण बेरोजगारी और गरीबों के हितों की अनदेखी करते हुए मनरेगा को कमजोर करने की कोशिश की है। कोविड-19 के दौरान यह योजना गरीबों के लिए जीवनदायिनी साबित हुई, लेकिन हाल ही में सरकार ने मनरेगा पर कठोर कदम उठाए हैं। महात्मा गांधी का नाम हटाने के साथ-साथ, बिना किसी चर्चा के मनरेगा के स्वरूप में बदलाव किया गया है। अब रोजगार का निर्धारण दिल्ली में बैठे अधिकारियों द्वारा किया जाएगा, जो जमीनी हकीकत से दूर है।
कांग्रेस ने मनरेगा को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, लेकिन यह केवल पार्टी का मामला नहीं था। यह देश और जनता के हित में एक योजना थी। मोदी सरकार ने इस कानून को कमजोर करके करोड़ों किसानों और श्रमिकों के अधिकारों पर हमला किया है। इस हमले का सामना करने के लिए हम सभी तैयार हैं। 20 साल पहले मैंने अपने गरीब भाई-बहनों को रोजगार का अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष किया था, और आज भी इस अन्याय के खिलाफ लड़ने के लिए प्रतिबद्ध हूं। कांग्रेस के सभी नेता और लाखों कार्यकर्ता आपके साथ खड़े हैं।
