सोनीपत में बाढ़ से फसलों को भारी नुकसान, किसानों की चिंताएं बढ़ीं

सोनीपत में बाढ़ का कहर
सोनीपत के यमुना किनारे स्थित गांवों में बाढ़ ने व्यापक तबाही मचाई है। हथनीकुंड बैराज से छोड़े गए पानी ने लगभग 5,000 एकड़ फसलों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। पानी के उतरने के बाद खेतों में केवल सूखे और पीले पौधे ही नजर आ रहे हैं। टोकी मनौली, जगदीशपुर और झुंडपुर जैसे गांवों में रेत और पत्थर खेतों में जमा हो गए हैं, जिससे किसानों को अगली फसल की चिंता सताने लगी है। पबनेरा खादर के किसान जितेंद्र ने बताया कि यमुना की बाढ़ ने 100 एकड़ से अधिक भूमि का कटाव किया और 200 एकड़ से ज्यादा फसलें बर्बाद हो गईं। इसके साथ ही बिजली के खंभे और पेड़ भी बह गए हैं। किसान प्रति एकड़ 1 लाख रुपये मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
क्षतिपूर्ति के लिए पोर्टल की शुरुआत
सोनीपत के उपायुक्त सुशील सारवान ने किसानों से अपील की है कि वे ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 15 सितंबर तक अपने नुकसान का दावा दर्ज करें। किसान अपनी बर्बाद फसलों का विवरण पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं। इसके बाद प्रशासन सत्यापन करेगा और सरकार की घोषणा के अनुसार मुआवजा प्रदान करेगा। उपायुक्त ने कहा कि किसानों को सभी मानकों का पालन करते हुए सही जानकारी देनी चाहिए, ताकि उन्हें जल्द से जल्द राहत मिल सके।
स्वास्थ्य और पशुपालन में राहत कार्य
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग की टीमें लोगों को चिकित्सा सेवाएं प्रदान कर रही हैं। पशुपालन विभाग ने विशेष अभियान शुरू किया है ताकि पशुओं को बीमारियों से बचाया जा सके। मनौली टोकी गांव के राहत कैंप में उपमंडल अधिकारी डॉ. बलजीत दलाल की अगुवाई में 22 किसानों के 150 से अधिक पशुओं की जांच की गई और मुफ्त दवाइयां वितरित की गईं। यह कदम किसानों और उनके पशुओं के लिए राहत का कारण बना है।
उधारी पर खेती करने वाले किसानों की स्थिति
गन्नौर के पबनेरा गांव में उन किसानों की स्थिति सबसे खराब है, जिन्होंने उधारी पर खेती की थी। सुनील, विजय, इंद्र सुरजन और नंदू जैसे किसानों ने रिश्तेदारों और आढ़तियों से कर्ज लेकर 1 से 6 एकड़ जमीन पर सब्जियां और धान उगाया था, जो अब यमुना की बाढ़ में बह गया। सुखपाल चौहान ने बताया कि उन्होंने स्वीट कॉर्न की खेती के लिए कर्ज लिया था, जो पूरी तरह बर्बाद हो गया। विधायक देवेंद्र कादियान और डीसी सुशील सारवान ने पबनेरा घाट का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। विधायक ने सिंचाई विभाग को यमुना में नई ठोकरें बनाने का प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया।