सोनीपत में रिश्वतखोरी का भंडाफोड़: iPhone 14 ने खोली काली करतूतें

सोनीपत में भ्रष्टाचार का मामला
सोनीपत में एक बड़ा भ्रष्टाचार कांड सामने आया है, जिसने हरियाणा के प्रशासनिक क्षेत्र में हलचल मचा दी है। उपायुक्त (DC) के पर्सनल असिस्टेंट (PA) शशांक को 20 जून 2025 को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा। इस गिरफ्तारी ने भ्रष्टाचार के कई राज खोले हैं।
iPhone 14 से मिली जानकारी
शशांक का iPhone 14 इस मामले में एक महत्वपूर्ण सुराग बन गया है, जिसमें गूगल पे और फोन पे के माध्यम से 76 लाख रुपये के संदिग्ध लेनदेन का खुलासा हुआ। उसके घर से मिले गहने और नकदी ने जांच को और भी जटिल बना दिया है। क्या यह मामला और बड़े अधिकारियों को भी बेनकाब करेगा? आइए, इस रिश्वतखोरी की पूरी कहानी पर नजर डालते हैं।
DC ऑफिस में चल रहा था भ्रष्टाचार
जांच में यह भी सामने आया है कि शशांक ने DC ऑफिस के कर्मचारियों से भी बड़ी रकम वसूली। हरीश कुमार (सहायक) से 20 हज़ार, अनूप सिंह (DITS ऑपरेटर) से 2.19 लाख, और दीपांशु (DITS ऑपरेटर) से 2.75 लाख रुपये लिए गए। यह सभी लेनदेन रिश्वत के लिए थे, जो DC ऑफिस के भ्रष्ट तंत्र को उजागर करते हैं।
शशांक की उगाही का जाल
शशांक ने सरकारी कर्मचारियों के अलावा निजी व्यक्तियों से भी बड़ी रकम वसूली। उसके दोस्त आशीष धीमान से 4.30 लाख, आशीष के भाई मोहित से 50 हज़ार, और एक अज्ञात व्यक्ति विनय से 55 हज़ार रुपये लिए गए। यह खुलासे दर्शाते हैं कि शशांक का रिश्वतखोरी का नेटवर्क कितना व्यापक था।
SIT की जांच प्रक्रिया
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया गया है, जिसमें डीएसपी, इंस्पेक्टर, और सब-इंस्पेक्टर शामिल हैं। SIT शशांक के बैंक खातों की जांच कर रही है, जिसमें 2019 से 2024 तक 76 लाख रुपये के लेनदेन हुए हैं। शशांक को दो दिन की रिमांड के बाद 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। अगली सुनवाई 5 जुलाई को होगी।