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सोनीपत में साइबर ठगों का बड़ा खुलासा: तीन गिरफ्तार

सोनीपत में एक बड़े साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। ये ठग खुद को पुलिस अधिकारी बताकर लोगों को डराते थे और पैसे ठगते थे। एक पीड़ित ने 3,87,410 रुपये ठगों को दिए। पुलिस ने तकनीकी सहायता से आरोपियों का पता लगाया और उन्हें शिवपुरी से गिरफ्तार किया। जानें ठगी का तरीका और इससे बचने के उपाय।
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सोनीपत में साइबर ठगों का बड़ा खुलासा: तीन गिरफ्तार

सोनीपत में साइबर ठगी का मामला

सोनीपत, क्राइम रिपोर्ट: सोनीपत में एक बड़े साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने तीन आरोपियों को मध्यप्रदेश के शिवपुरी से गिरफ्तार किया, जो खुद को पुलिस अधिकारी बताकर लोगों को 'डिजिटल अरेस्ट' के नाम पर ठगते थे। गिरोह का मुख्य आरोपी नीरज फर्जी इंस्पेक्टर बनता था, जबकि भागवत ने DSP के रूप में लोगों को धमकाया। तीसरे आरोपी कृष्णपाल ने ठगी की रकम अपने खाते में जमा की। पुलिस ने इनके पास से 24,000 रुपये नकद, तीन मोबाइल फोन और बैंक खातों में 2.2 लाख रुपये जब्त किए हैं। आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।


ठगी का तरीका

18 जून 2025 को नया बांसगांव के विकास ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि 5 जून को उन्हें एक कॉल आई, जिसमें कॉलर ने खुद को दिल्ली के करोल बाग थाने का 'सत्य यादव' बताया। उसने कहा कि विकास के खिलाफ ड्रग्स बेचने की FIR दर्ज है। फर्जी पुलिसवाले ने वीडियो कॉल कर डराया और कहा कि उनके घर पुलिस भेजी जा रही है। बचने के लिए जुर्माना भरने को कहा गया। डर के मारे विकास ने पहले 7,210 रुपये दिए, लेकिन ठगों ने बार-बार पैसे मांगे। 13 जून तक विकास ने 3,87,410 रुपये ठगों के खातों में डाल दिए। जब फिर से कॉल आया और करोल बाग थाने बुलाया गया, तब उन्हें ठगी का एहसास हुआ।


पुलिस की कार्रवाई

साइबर थाना पुलिस ने 18 जून से जांच शुरू की। ASI जोगिंदर, मुख्य सिपाही गुलशन, जितेंद्र और सिपाही नवीन की टीम ने तकनीकी मदद से आरोपियों का पता लगाया। जांच में पता चला कि आरोपी शिवपुरी में छिपे हैं। पुलिस ने तुरंत वहां छापा मारकर नीरज, कृष्णपाल और भागवत को गिरफ्तार कर लिया। ये आरोपी 10वीं और 12वीं पास हैं, लेकिन ठगी का जाल बिछाने में माहिर थे।


साइबर ठगी से बचने के उपाय

पुलिस उपायुक्त कुशल पाल सिंह ने लोगों से साइबर ठगी से बचने की अपील की। उन्होंने कहा कि अनजान कॉल, लिंक या मैसेज पर भरोसा न करें। केवल विश्वसनीय वेबसाइट्स का इस्तेमाल करें और लालच में न आएं। अगर आप ठगी का शिकार हो जाएं, तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन में शिकायत करें या साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें।