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सोने की कीमतें इजराइल-ईरान तनाव के चलते नई ऊंचाई पर पहुंचीं

इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के कारण सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत $3,427.36 प्रति औंस और भारत में ₹1,00,403 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई है। इस वृद्धि के पीछे भौगोलिक तनाव, अमेरिकी डॉलर की कमजोरी और सुरक्षित निवेश की प्रवृत्ति जैसे कारण हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह स्थिति बनी रहती है, तो सोने की कीमतों में और वृद्धि हो सकती है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार की मौजूदा परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए निवेश करें।
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सोने की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि

13 जून 2025 को इजराइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के कारण सोने की कीमतें नई ऊंचाई पर पहुंच गईं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत $3,427.36 प्रति औंस तक पहुंच गई, जो कि लगभग दो महीने का उच्चतम स्तर है। भारत में भी सोने की कीमत ₹1,00,403 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई, जो एक नया रिकॉर्ड है।


सोने की कीमतों में वृद्धि के पीछे के मुख्य कारण हैं: 1. भौगोलिक तनाव: इजराइल द्वारा ईरान के परमाणु स्थलों पर हमले के बाद तनाव बढ़ा है, जिससे निवेशक सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की ओर आकर्षित हुए हैं। 2. अमेरिकी डॉलर में कमजोरी: डॉलर के कमजोर होने से सोने की कीमतों में वृद्धि हुई है, क्योंकि सोना डॉलर के मुकाबले अधिक मूल्यवान हो जाता है। 3. सुरक्षित निवेश की प्रवृत्ति: वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और मुद्रास्फीति के कारण निवेशक सोने को सुरक्षित मानते हैं, जिससे इसकी मांग बढ़ी है।


विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इजराइल-ईरान तनाव और अमेरिकी डॉलर में कमजोरी जारी रहती है, तो सोने की कीमतों में और वृद्धि संभव है। हालांकि, कुछ विशेषज्ञ चेतावनी देते हैं कि ऐसे राजनीतिक घटनाक्रमों से उत्पन्न होने वाली कीमतों में वृद्धि अस्थायी हो सकती है।


निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे सोने में निवेश करते समय बाजार की मौजूदा परिस्थितियों और भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखें। लंबी अवधि के निवेशकों के लिए सोना एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है, लेकिन त्वरित लाभ की तलाश करने वालों को सतर्क रहना चाहिए।