सोने की कीमतों में वृद्धि: श्राद्ध के दौरान भी क्यों बढ़ रहे हैं दाम?

श्राद्ध के दौरान सोने की कीमतों में वृद्धि
श्राद्ध के समय सोने की कीमतों में वृद्धि: आमतौर पर श्राद्ध के दिनों में सोने की कीमतें घटती हैं, लेकिन इस बार सोने की मांग में कमी के बावजूद कीमतें बढ़ रही हैं। यह स्थिति सितंबर 2025 में देखी जा रही है। इसके पीछे वैश्विक और आर्थिक कारण मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। भारत में डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी, यूक्रेन-रूस युद्ध, और अमेरिका-चीन व्यापार संबंध जैसे मुद्दे सोने की कीमतों को प्रभावित कर रहे हैं।
ट्रंप का टैरिफ छूट का ऐलान
ट्रंप ने पार्टनर देशों को दी टैरिफ से छूट
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 45 वस्तुओं पर टैरिफ छूट की घोषणा की है, जिसमें सोना भी शामिल है। यह छूट उन देशों के लिए है जो अमेरिका के साथ व्यापारिक समझौते करते हैं। यह आदेश 8 सितंबर से लागू होगा और इसका उद्देश्य अमेरिकी व्यापार घाटे को कम करना है। ट्रंप के इस कदम ने सोने की कीमतों को बढ़ाने में मदद की है।
ब्याज दरों में कमी की उम्मीद
ब्याज दरें कम होने की उम्मीद ने बढ़ाई डिमांड
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कमी की संभावना ने सोने की मांग को बढ़ा दिया है। सोना एक सुरक्षित निवेश माना जाता है, और जब ब्याज दरें कम होने की उम्मीद होती है, तो इसकी मांग में वृद्धि होती है। इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) की उपाध्यक्ष अक्षा कांबोज भी इसे सुरक्षित निवेश मानती हैं।
ग्लोबल मार्केट में सोने की कीमतें
ग्लोबल मार्केट में महंगा हो रहा सोना
भारत के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने की कीमतें बढ़ रही हैं। सोने की कीमतें डॉलर में निर्धारित होती हैं, और 2025 में डॉलर की कीमत में गिरावट आई है। जब डॉलर कमजोर होता है, तो विदेशी मुद्रा में सोने की कीमत कम होती है, जिससे इसकी मांग बढ़ती है।
सोने की कीमतों में वृद्धि के अन्य कारण
सोने के दाम बढ़ने के कुछ कारण यह भी
- अमेरिकी टैरिफ नीतियों और व्यापारिक तनाव के कारण वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता बढ़ रही है, जिससे सोने में निवेश बढ़ रहा है।
- महंगाई और आर्थिक मंदी की आशंका के चलते निवेशक सोने को सुरक्षित मानते हैं।
- युद्ध की स्थिति में सोने की मांग कम होती है, क्योंकि लोग संकट के समय सोना बेचने पर विश्वास करते हैं।
- फेडरल रिजर्व और भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीतियां भी सोने की कीमतों को प्रभावित करती हैं।