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सोनौली में बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन

सोनौली में बांग्लादेश में एक हिंदू युवक की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश सरकार से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और भारत सरकार से इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठाने की अपील की। महंत बाबा शिव नारायण दास ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा, लेकिन न्याय की मांग के साथ एक स्पष्ट संदेश दिया गया।
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सोनौली में बांग्लादेश में हिंदू युवक की हत्या के खिलाफ प्रदर्शन

सोनौली में आक्रोश का इजहार

महराजगंज:: बांग्लादेश में एक हिंदू युवक की क्रूर हत्या के खिलाफ रविवार को सोनौली के रामजानकी मंदिर परिसर में भारी आक्रोश देखने को मिला। हिंदू संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करते हुए इस घटना को मानवता पर एक गंभीर आघात बताया और बांग्लादेश सरकार से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जिनके हाथों में आक्रोश था और जुबां पर न्याय की मांग।

“धर्म नहीं, इंसान मरा है—यह संदेश हर दिल ने दोहराया”

प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि ऐसी घटनाएं वहां की कानून-व्यवस्था और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाती हैं।

वक्ताओं ने भारत सरकार से इस संवेदनशील मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाने की अपील की, ताकि पीड़ितों को न्याय और अल्पसंख्यकों को सुरक्षा मिल सके।

“खामोशी भी गुनाह है, जब जुल्म सर उठा ले—न्याय की मशाल जले, यही वक्त की पुकार है।”

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे श्री राम जानकी मंदिर सोनौली के महंत बाबा शिव नारायण दास ने कहा कि बांग्लादेश सरकार को अपने देश में रह रहे हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि किसी भी सभ्य समाज में इस तरह की घटनाओं के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए।

इस अवसर पर रिंकू दास, प्रेम जायसवाल, जुगुल कन्नौजिया, नन्हे जायसवाल, मुरारी गिरी, ओम प्रकाश गिरी, पवन गिरी, सत्यम जायसवाल, अमरजीत राजपूत, गिरजेश पांडेय और अजय यादव सहित कई प्रमुख लोग मौजूद रहे। प्रदर्शन पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा, लेकिन संदेश स्पष्ट था—

“जब तक न्याय नहीं, तब तक आवाज़ बंद नहीं।”