सौरभ भारद्वाज ने ईडी की रेड को बताया फर्जी, मांगी फॉरेंसिक जांच

ईडी की रेड का खुलासा
आम आदमी पार्टी (आप) के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने 26 अगस्त 2025 को अपने निवास पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई रेड को फर्जी करार दिया। उन्होंने 27 अगस्त 2025 को एक प्रेस वार्ता में इस घटना का विस्तृत विवरण साझा किया। भारद्वाज ने बताया कि यह रेड लगभग 19-20 घंटे तक चली, जिसमें ईडी के अधिकारियों ने उन पर मनमाने तरीके से बयान तैयार करने और उस पर हस्ताक्षर करने का दबाव डाला। उन्होंने कहा कि ईडी के असिस्टेंट डायरेक्टर मयंक अरोड़ा ने उनके बयान को किसी अन्य व्यक्ति के साथ साझा किया और फिर उसमें बदलाव का दबाव बनाया, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया।
तलाशी का विवरण और पारिवारिक प्रभाव
रेड सुबह 7:15 बजे शुरू हुई, जब उनकी छोटी बेटी स्कूल जाने की तैयारी कर रही थी। भारद्वाज ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी को स्कूल भेजने के बाद ईडी को तलाशी की अनुमति दी। इस दौरान कई ईडी अधिकारी और सीआरपीएफ कर्मी उनके घर में मौजूद थे। शाम 6 बजे एक अधिकारी को पुराने कागजों में एक 89 पन्नों का हलफनामा मिला, जिसे ईडी ने सीज कर दिया। भारद्वाज ने कहा कि यह दस्तावेज वे लंबे समय से खोज रहे थे।
हलफनामे का महत्व और ईडी के आरोपों का खंडन
इस हलफनामे में भारद्वाज की मीटिंग्स के मिनट्स शामिल थे, जो ईडी द्वारा लगाए गए आरोपों के विपरीत थे। उन्होंने बताया कि मंत्री बनने के बाद उन्होंने कई निर्देश दिए थे, और यह स्पष्ट किया कि देरी उनकी जिम्मेदारी नहीं थी। इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने उन्हें फंसाने की कोशिश की है।
पंचनामा में हेरफेर और सबूतों का दुरुपयोग
रेड के अंत में बनाए गए पंचनामे में दो दस्तावेजों को सीज दिखाया गया। भारद्वाज ने कहा कि चुनाव आयोग का हलफनामा सार्वजनिक दस्तावेज है, लेकिन ईडी ने इसे आपत्तिजनक बताकर पंचनामे में शामिल किया। उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी ने दस्तावेजों की कॉपी अपने बैग में रख ली और पंचनामे से हटा दिया।
रात भर का दबाव और साइकोलॉजिकल हेरफेर
ईडी ने रात 8 बजे से 2 बजे तक उनके बयान पर हस्ताक्षर कराने के लिए दबाव बनाया। भारद्वाज ने कहा कि मयंक अरोड़ा ने उनके परिवार पर गिरफ्तारी का डर दिखाया। उन्होंने कहा कि ईडी साइकोलॉजिकल मैनिपुलेट करती है और जेल भेजने की धमकी देती है।
ईमानदारी का दावा और देश की स्थिति पर चिंता
भारद्वाज ने अपनी ईमानदारी का हवाला देते हुए कहा कि वे 14 साल पुरानी कार में चलते हैं और उनके बैंक खाते में केवल 22-23 हजार रुपये हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने देश में ऐसा माहौल बना दिया है, जहां ईमानदार लोग परेशान हो रहे हैं।
फॉरेंसिक जांच की मांग और भविष्य की रणनीति
भारद्वाज ने मयंक अरोड़ा के लैपटॉप और प्रिंटर की फॉरेंसिक जांच की मांग की। उन्होंने कहा कि ईडी ने उनके घर से दस्तावेज चुराए और पंचनामे में हेरफेर किया। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आज आवाज नहीं उठाई गई, तो कल हर किसी के घर छापा पड़ सकता है।