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स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय सेना के वीरों को मिलेगा सर्वोत्तम सम्मान, जानें ऑपरेशन सिंदूर की कहानी

स्वतंत्रता दिवस पर भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले थलसेना, नौसेना और वायु सेना के अधिकारियों को उच्च सैन्य सम्मान देने का निर्णय लिया है। इस विशेष अभियान में अद्वितीय साहस का प्रदर्शन करने वाले सैनिकों को वीरता पदकों से सम्मानित किया जाएगा। वायुसेना के अधिकारियों को पहली बार 'सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक' से नवाजा जाएगा, जिसमें फाइटर पायलट शामिल हैं। जानें इस अभियान की पूरी कहानी और किस प्रकार पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।
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स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय सेना के वीरों को मिलेगा सर्वोत्तम सम्मान, जानें ऑपरेशन सिंदूर की कहानी

वीरों को मिलेगा उच्च सैन्य सम्मान

भारत सरकार ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ऑपरेशन सिंदूर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले थलसेना, नौसेना और वायु सेना के बहादुर अधिकारियों को उच्च सैन्य सम्मान देने का निर्णय लिया है। इस विशेष अभियान में अद्वितीय साहस और रणनीतिक कौशल का प्रदर्शन करने वाले सैनिकों को वीरता पदकों से सम्मानित किया जाएगा।


वायुसेना को मिला 'सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक'

वायुसेना को पहली बार 'सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक'


इस बार वायुसेना के अधिकारियों को पहली बार 'सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक' से सम्मानित किया जा रहा है। इनमें वे फाइटर पायलट शामिल हैं जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इसके साथ ही S-400 और अन्य वायु रक्षा प्रणालियों के संचालन में लगे वायुसैनिक भी इस सम्मान के हकदार हैं, जिन्होंने भारत पर किए गए पाकिस्तानी ड्रोन हमलों को नाकाम किया।


वीरता पुरस्कारों की सूची

बहादुरी के लिए कई वीरता पदक


इस बार वीरता पुरस्कारों में 4 कीर्ति चक्र, 4 वीर चक्र और 8 शौर्य चक्र शामिल हैं। इसके अलावा भारतीय वायुसेना के 26 अधिकारियों और वायुसैनिकों को वायु सेना पदक (वीरता) दिया जा रहा है। 13 अधिकारियों को 'युद्ध सेवा पदक' से नवाजा गया है, जिनमें एयर वाइस मार्शल जोसेफ सुआरेस, एवीएम प्रजुअल सिंह और एयर कमोडोर अशोक राज ठाकुर जैसे वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।


वीर चक्र से सम्मानित जाबांज पायलट

वीर चक्र से सम्मानित हुए जाबांज पायलट


ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के बहावलपुर और मुरीदके जैसे प्रमुख आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने वाले नौ जाबांज वायुसेना अधिकारियों को वीर चक्र से नवाजा गया है। वीर चक्र भारत का तीसरा सर्वोच्च युद्धकालीन वीरता सम्मान है। इस ऑपरेशन के दौरान इन पायलटों ने न केवल आतंकियों के मुख्यालय को तबाह किया, बल्कि पाकिस्तान के छह लड़ाकू विमानों को भी मार गिराया और कई एफ-16 को गंभीर नुकसान पहुंचाया।


ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत

ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के एयरबेस तबाह


ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत 7 मई को हुई, जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक आतंकी हमले में 25 निर्दोष पर्यटकों की जान गई। इसके जवाब में भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान के अंदर नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर 100 से अधिक आतंकियों को ढेर कर दिया। पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में ड्रोन हमले किए, लेकिन भारत की वायु रक्षा प्रणाली ने उन्हें विफल कर दिया।


पाकिस्तान की गुहार

सीजफायर के लिए पाकिस्तान ने लगाई गुहार


10 मई को भारत ने पलटवार करते हुए पाकिस्तान के 11 अहम सैन्य और रडार ठिकानों पर जबरदस्त हवाई हमला किया। इन हमलों ने पाकिस्तान को झटका दिया और अंततः उसे युद्धविराम के लिए भारत के सामने गुहार लगानी पड़ी। वायुसेना प्रमुख एयर मार्शल एपी सिंह ने भी पुष्टि की कि इस कार्रवाई में छह पाकिस्तानी लड़ाकू विमान ढेर कर दिए गए थे।