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स्वामी चेतान्यानंद के खिलाफ चौंकाने वाले खुलासे: लड़कियों की तस्करी का मामला

स्वामी चेतान्यानंद की गिरफ्तारी के बाद पुलिस जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। व्हाट्सऐप चैट्स से पता चला है कि बाबा ने लड़कियों को खाड़ी देशों में भेजने की कोशिश की। जांच में यह भी सामने आया है कि बाबा ने लड़कियों पर भावनात्मक दबाव डाला और उन्हें महंगे उपहार दिए। इसके अलावा, उसके पास एक ऐप था जिससे वह आश्रम में गतिविधियों की निगरानी करता था। पुलिस अब इस मामले में एक संगठित गिरोह की संभावना की जांच कर रही है।
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स्वामी चेतान्यानंद के खिलाफ चौंकाने वाले खुलासे: लड़कियों की तस्करी का मामला

स्वामी चेतान्यानंद की गिरफ्तारी और जांच

नई दिल्ली: अल्मोड़ा से गिरफ्तार स्वामी चेतान्यानंद उर्फ पार्थ सारथी के खिलाफ पुलिस की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। साधु-संत के रूप में दिखने वाला यह बाबा वास्तव में कितना विकृत था, इसका पता उसके मोबाइल फोन से मिले व्हाट्सऐप चैट्स से चलता है। पुलिस के अनुसार, उसने न केवल अपने महिला अनुयायियों को मानसिक रूप से प्रभावित किया, बल्कि उन्हें खाड़ी देशों में भेजने की कोशिश भी की।


व्हाट्सऐप चैट्स में खुलासे

मोबाइल से मिली एक चैट में बाबा एक लड़की से पूछता है कि क्या उसकी कोई अच्छी दोस्त है, क्योंकि 'दुबई का एक शेख सेक्स पार्टनर चाहता है।' जब लड़की मना करती है, तो बाबा दबाव डालता है कि, 'कोई क्लासमेट या जूनियर हो तो भेजो।' यह स्पष्ट करता है कि बाबा केवल आध्यात्मिकता का ढोंग कर रहा था, जबकि उसके पास एक पूरा नेटवर्क था जो लड़कियों को बहला-फुसलाकर विदेश भेजने में लगा था।


भावनात्मक दबाव और उपहार

चैट्स से यह भी पता चलता है कि बाबा लड़कियों पर भावनात्मक दबाव डालता था। वह उन्हें 'बेबी', 'स्वीटी डॉटर' जैसे संबोधनों से पुकारता था। एक बातचीत में वह बार-बार 'बेबी' लिखता है। एक अन्य मैसेज में वह पूछता है, 'तुम मेरे साथ नहीं सोओगी? शुभ रात्रि, बताओ।' इससे यह संकेत मिलता है कि वह लड़कियों को भावनात्मक रूप से कमजोर करने की कोशिश कर रहा था।


सुरक्षा कैमरों की निगरानी

जांच में एक और चौंकाने वाली बात सामने आई है — बाबा के मोबाइल में **HIK Vision** नामक एक ऐप मिला है, जिससे उसके आश्रम के सभी CCTV कैमरे जुड़े थे। पुलिस का कहना है कि इस ऐप के जरिए बाबा आश्रम में होने वाली गतिविधियों की रियल टाइम में निगरानी करता था।


संभावित संगठित गिरोह

पुलिस का मानना है कि यह केवल बाबा का काम नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक संगठित गिरोह हो सकता है जो लड़कियों को बहला-फुसलाकर विदेश भेजने के धंधे में शामिल है। जांच एजेंसियां मोबाइल डेटा, CCTV फुटेज और बैंक डिटेल्स की जांच कर रही हैं।


संस्थान की जांच

यह ध्यान देने योग्य है कि बाबा जिस स्कूल और आश्रम की आड़ में यह सब कर रहा था, वहां बच्चे और महिलाएं भी बड़ी संख्या में मौजूद थे। पुलिस अब पूरे संस्थान की जांच कर रही है कि और कौन-कौन इस खेल में शामिल था, और कितनी लड़कियां शिकार बन चुकी हैं।