स्वामी चैतन्यानंद की अग्रिम जमानत याचिका खारिज, गंभीर आरोपों का सामना

स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की जमानत याचिका पर अदालत का निर्णय
स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने शुक्रवार को स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की अग्रिम जमानत याचिका को अस्वीकार कर दिया। अदालत ने कहा कि मामले में आरोप इतने गंभीर हैं कि आरोपी से हिरासत में पूछताछ आवश्यक है। स्वामी चैतन्यानंद पर वित्तीय अनियमितताओं, धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश के साथ-साथ छात्राओं के यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप भी लगाए गए हैं।
अदालत की सुनवाई में पेश किए गए तथ्य
अदालत का रुख:
सुनवाई के दौरान, दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि आरोपी ने खुद को संयुक्त राष्ट्र का प्रतिनिधि बताने का झूठा दावा किया था। पुलिस ने यह भी कहा कि सरस्वती ने अपने प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए संस्थान की संपत्तियों का गलत इस्तेमाल किया और आर्थिक लाभ उठाया। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया।
वित्तीय अनियमितताओं के आरोप
वित्तीय गड़बड़ियों के आरोप:
जांच अधिकारियों के अनुसार, आरोपी ने जगद्गुरु शंकराचार्य महासंस्थानम की संपत्तियों को निजी कंपनियों को किराए पर देकर अपने नियंत्रण को मजबूत किया और इस धन का उपयोग महंगी गाड़ियों की खरीद में किया। पुलिस ने अब तक उसके पास से दो गाड़ियां बरामद की हैं, जिनमें एक वोल्वो कार है, जिस पर फर्जी राजनयिक नंबर प्लेट '39 यूएन 1' लगी थी, और दूसरी एक बीएमडब्ल्यू है, जिसे मार्च 2025 में खरीदा गया था।
छात्राओं से जुड़े गंभीर आरोप
छात्राओं से जुड़े गंभीर आरोप:
दिल्ली पुलिस ने आशंका जताई है कि आरोपी देश छोड़ सकता है, इसलिए उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है। हाल ही में उसकी विदेश यात्रा और मुंबई लौटने की जानकारी मिलने पर पुलिस की एक टीम वहां भेजी गई। पुलिस ने आरोपी की बीएमडब्ल्यू कार को जब्त कर लिया है और उसके डैशकैम की फुटेज की जांच की जा रही है।
मनमानी और डराने-धमकाने के आरोप
मनमानी और डराने-धमकाने के आरोप:
शिकायत में यह भी कहा गया है कि एक छात्रा को अपना नाम बदलने के लिए मजबूर किया गया और दूसरी छात्रा से सबूत नष्ट करने के लिए उसके मोबाइल से संदेश डिलीट करवाए गए। एफआईआर में दर्ज बयान के अनुसार, एक महिला सहयोगी ने छात्राओं को निर्देश दिया कि होली के अवसर पर वे कतार में खड़ी होकर स्वामी को 'हरि ओम' कहें और उनके सामने झुकें। आरोप है कि इस दौरान स्वामी ने कई छात्राओं के गालों और मांग पर रंग लगाया।
सीसीटीवी से निगरानी
सीसीटीवी से निगरानी:
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि छात्रावास में सीसीटीवी कैमरे न केवल लॉबी और कॉमन एरिया में लगाए गए थे, बल्कि बाथरूम के बाहर भी निगरानी रखी जाती थी। इस हॉस्टल में करीब 75 छात्राएं रहती थीं, जिनमें से अधिकांश आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से थीं। दिल्ली पुलिस की कई टीमें विभिन्न राज्यों में छापेमारी कर रही हैं। पुलिस का कहना है कि सबूत इकट्ठा करने और आरोपी की गतिविधियों को समझने के लिए हिरासत में पूछताछ अनिवार्य है।
अगली कार्रवाई पर नजरें
इस पूरे मामले ने न केवल संस्थान की छवि को धक्का पहुंचाया है, बल्कि समाज में उन स्वयंभू धर्मगुरुओं की गतिविधियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जो धार्मिक आस्था की आड़ में अनुचित कार्यों में लिप्त पाए जाते हैं। अब पुलिस और अदालत की अगली कार्यवाही पर सभी की नजरें टिकी हैं।