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हज़रतबल मस्जिद में अशोक चिन्ह का विवाद: धार्मिक और राजनीतिक संवेदनशीलता का टकराव

हज़रतबल मस्जिद में अशोक चिन्ह को लेकर विवाद ने जम्मू-कश्मीर में धार्मिक और राजनीतिक संवेदनशीलता को उजागर किया है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और राज्यपाल मनोज सिन्हा के बयानों ने इस मुद्दे को और बढ़ा दिया है। स्थानीय नेताओं और धार्मिक संगठनों की प्रतिक्रियाएं इस बात को दर्शाती हैं कि धार्मिक स्थलों पर राजनीतिक प्रतीकों का प्रयोग कितना विवादास्पद हो सकता है। जानें इस विवाद के सभी पहलुओं के बारे में।
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हज़रतबल मस्जिद में अशोक चिन्ह का विवाद: धार्मिक और राजनीतिक संवेदनशीलता का टकराव

हज़रतबल मस्जिद में विवाद का आरंभ

हज़रतबल मस्जिद विवाद: जम्मू और कश्मीर के श्रीनगर में स्थित हज़रतबल मस्जिद में एक नया विवाद उत्पन्न हुआ है। यहां की मरम्मत से जुड़ी एक पट्टिका को कुछ लोगों ने क्षतिग्रस्त कर दिया, जिसमें अशोक चिन्ह शामिल था। यह विवाद तब और बढ़ गया जब जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने धार्मिक स्थल पर इस चिन्ह की आवश्यकता पर सवाल उठाया, जबकि राज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस कृत्य की कड़ी निंदा की।


अशोक चिन्ह का विवाद

हज़रतबल मस्जिद में अशोक चिन्ह का विवाद
हज़रतबल मस्जिद की मरम्मत के दौरान अशोक चिन्ह को शामिल करने से विवाद उत्पन्न हुआ। यह मस्जिद, जो पैगंबर मुहम्मद का एक पवित्र अवशेष रखती है, स्थानीय नेताओं और उपासकों के बीच नाराजगी का कारण बनी। इस विवाद के चलते कुछ लोगों ने पट्टिका को तोड़कर उसे अपवित्र कर दिया, जिससे पूरे राज्य में हलचल मच गई।


मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का बयान
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थल पर अशोक चिन्ह लगाने की कोई आवश्यकता नहीं थी। उन्होंने सवाल उठाया, "क्या इस चिन्ह और पत्थर की जरूरत थी? क्या काम पहले ही पर्याप्त नहीं था?" इसके साथ ही, उन्होंने पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) के तहत कार्रवाई पर भी आपत्ति जताई, जो उन लोगों के खिलाफ लगाया गया था जिन्होंने पट्टिका को तोड़ा था।


राज्यपाल मनोज सिन्हा का बयान

राज्यपाल मनोज सिन्हा का बयान
जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अशोक चिन्ह देश की संप्रभुता और गौरव का प्रतीक है और इसे अपमानित करना सहन नहीं किया जाएगा। सिन्हा ने ट्विटर पर लिखा, "हज़रतबल दरगाह के मरम्मत पट्टिका पर अशोक चिन्ह को नष्ट करने की घटना से मैं गहरे आहत हूं।"


वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष का बयान

वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष दारकशन अंद्राबी का बयान
जम्मू और कश्मीर वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष दारकशन अंद्राबी ने इस कृत्य की निंदा की और दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि यह केवल एक पत्थर का नुकसान नहीं था, बल्कि यह संविधान को नुकसान पहुँचाने जैसा था।


धार्मिक दृष्टिकोण से विरोध

धार्मिक दृष्टिकोण से विरोध
धार्मिक दृष्टिकोण से भी इस चिन्ह का विरोध किया गया। जम्मू और कश्मीर के राष्ट्रीय सम्मेलन (NC) के प्रवक्ता तानवीर सादिक ने कहा कि धार्मिक स्थानों पर मूर्त रूपी प्रतीक रखना इस्लामिक मान्यताओं के खिलाफ है।


महबूबा मुफ्ती और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया

महबूबा मुफ्ती और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया
पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और इस कृत्य का बचाव किया। उन्होंने कहा कि हज़रतबल में अशोक चिन्ह रखना एक प्रकार का अपमान है।


श्रीनगर सांसद का बयान

श्रीनगर सांसद का बयान
श्रीनगर के सांसद आगा रुहुल्लाह महदी ने भी इस कृत्य का समर्थन किया। उन्होंने इसे धार्मिक स्थल को राजनीतिक दिखावे के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश बताया।


निष्कर्ष

यह विवाद एक बार फिर यह साबित करता है कि धार्मिक और राजनीतिक संवेदनशीलता के बीच संतुलन बनाना कितना महत्वपूर्ण है। हज़रतबल मस्जिद में अशोक चिन्ह को लेकर उठे विवाद ने राज्य में धार्मिक और राजनीतिक विभाजन को और बढ़ा दिया है।