हटकेश्वर धाम में श्रद्धालुओं का उत्सव: कुश्ती दंगल और रागनी प्रतियोगिता

श्रावण माह में हटकेश्वर धाम का मेला
- कलवा गुज्जर ने जीता 1.1 लाख का दंगल, रागनी कंपीटिशन व कुश्ती दंगल में जमा रंग
(Jind News) जींद। हर साल की तरह इस बार भी श्रावण माह के अंतिम शनिवार और रविवार को महाभारतकालीन हटकेश्वर तीर्थ पर मेला आयोजित किया गया। शनिवार की शाम को रागनी प्रतियोगिता में कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। वहीं, रविवार को इनामी कुश्ती दंगल का आयोजन हुआ, जिसमें कलवा गुज्जर ने इरफान को हराकर एक लाख एक हजार रुपये का पुरस्कार जीता। श्रद्धालुओं ने मेले में खरीददारी की और धाम के पवित्र सरोवर में स्नान कर दादा तीर्थ महाराज की पूजा की।
हरियाणा के साथ-साथ दिल्ली, पंजाब और अन्य राज्यों से भी श्रद्धालु और पहलवान यहां पहुंचे। कहा जाता है कि धाम में स्नान करने से 68 तीर्थों का पुण्य प्राप्त होता है। मेले के दौरान हटकेश्वर धाम और बाबा गिरड़ी दास मंदिर में भंडारे का आयोजन भी किया गया। धाम कमेटी के प्रधान बिल्लू बूरा और श्री ठाकुर शिव मंदिर समिति के प्रधान बलबीर बूरा ने बताया कि हर साल सावन के अंतिम रविवार को इस मेले का आयोजन किया जाता है।
दधिची ऋषि की परंपरा
दधिची ऋषि ने हाट गांव अपनी हड्डियां दान की थी
यह परंपरा कई वर्षों पुरानी है। शिव पुराण के अनुसार, दधिची ऋषि ने हाट गांव में असुरों का नाश करने के लिए अपनी हड्डियां दान की थीं। कहा जाता है कि महर्षि की हड्डियों से एक वज्र बनाया गया, जिससे दानवों का नाश हुआ। दधिची ऋषि ने हड्डियां दान करने से पहले 68 तीर्थों में स्नान करने की इच्छा व्यक्त की थी। शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव ने यहां 68 तीर्थों की धाराओं को प्रकट किया था। इसीलिए मान्यता है कि हटकेश्वर धाम पर सावन के अंतिम रविवार को स्नान करने से 68 तीर्थों के स्नान का फल मिलता है।