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हरिद्वार अर्धकुंभ 2027: प्रमुख तिथियों की घोषणा, तैयारियां जोरों पर

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने 2027 में हरिद्वार में होने वाले अर्धकुंभ मेले की प्रमुख तिथियों की घोषणा की है। इस महा-आध्यात्मिक पर्व की तैयारियां तेज हो गई हैं, जिसमें तीन शाही स्नान शामिल हैं। महाशिवरात्रि, सोमवती अमावस्या और बैसाखी पर लाखों श्रद्धालुओं के गंगा में स्नान करने की उम्मीद है। अर्धकुंभ का आयोजन हर छह साल में होता है और यह साधना और आत्मशुद्धि का अवसर प्रदान करता है। 2027 का अर्धकुंभ हरिद्वार को एक बार फिर वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र बना देगा।
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हरिद्वार अर्धकुंभ 2027: प्रमुख तिथियों की घोषणा, तैयारियां जोरों पर

हरिद्वार अर्धकुंभ 2027 की तैयारियां

हरिद्वार अर्धकुंभ 2027: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने 2027 में होने वाले अर्धकुंभ मेले की महत्वपूर्ण तिथियों को स्वीकृति दे दी है। इस घोषणा के साथ ही हरिद्वार में इस महा-आध्यात्मिक उत्सव की तैयारियां तेज हो गई हैं। हालांकि, उत्तराखंड सरकार की तरफ से आधिकारिक कार्यक्रम कैलेंडर अभी जारी नहीं किया गया है, लेकिन साधु-संतों और अखाड़ों ने अपनी आंतरिक तैयारियां आरंभ कर दी हैं।


तीन प्रमुख शाही स्नान

तीन प्रमुख शाही स्नान

अखाड़ा परिषद ने तीन शाही स्नानों की तिथियों की पुष्टि की है। पहला शाही स्नान 6 मार्च 2027 को महाशिवरात्रि के अवसर पर होगा। दूसरा स्नान 8 मार्च 2027 को सोमवती अमावस्या पर होगा, जो आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। तीसरा और सबसे महत्वपूर्ण स्नान 14 अप्रैल 2027 को बैसाखी और मेष संक्रांति के दिन होगा। इन तिथियों पर लाखों श्रद्धालुओं के गंगा में स्नान करने की संभावना है।


सदियों पुरानी परंपरा

सदियों पुरानी परंपरा

अर्धकुंभ का आयोजन हर छह साल में होता है और इसे हरिद्वार और प्रयागराज में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है। परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि कुंभ और अर्धकुंभ केवल स्नान का पर्व नहीं हैं, बल्कि ये साधना, तपस्या और आत्मशुद्धि का अवसर भी प्रदान करते हैं। उन्होंने बताया कि हरिद्वार में अर्धकुंभ की तैयारियां पहले से ही शुरू हो चुकी हैं, जिसमें पेशवाई जुलूस, शिविर और बुनियादी ढांचे की योजना शामिल है।


सरकार से आधिकारिक कैलेंडर की प्रतीक्षा

सरकार से आधिकारिक कैलेंडर की प्रतीक्षा

फिलहाल, राज्य सरकार की ओर से अर्धकुंभ की औपचारिक घोषणा का इंतजार किया जा रहा है। उम्मीद है कि आने वाले महीनों में कैलेंडर जारी किया जाएगा। इसके बाद भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा, परिवहन और स्वच्छता के लिए बड़े स्तर पर कार्य शुरू किए जाएंगे। प्रशासन घाटों को मजबूत करने, स्वास्थ्य शिविर लगाने और डिजिटल निगरानी बढ़ाने की तैयारी कर रहा है।


नासिक में सिंहस्थ कुंभ भी

नासिक में सिंहस्थ कुंभ भी

साल 2027 में महाराष्ट्र के नासिक में सिंहस्थ कुंभ का आयोजन भी होगा। हिंदू परंपरा के अनुसार, अर्धकुंभ और सिंहस्थ का आयोजन एक ही वर्ष में होता है। नासिक और उज्जैन दोनों स्थलों का पौराणिक महत्व समुद्र मंथन से जुड़ा हुआ है।


10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की उम्मीद

10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की उम्मीद

आयोजकों के अनुसार, 2021 का कुंभ महामारी के कारण सीमित स्तर पर हुआ था। लेकिन 2027 का अर्धकुंभ पूरी भव्यता के साथ आयोजित किया जाएगा। अनुमान है कि इस बार 10 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु और पर्यटक हरिद्वार पहुंचेंगे।


आस्था का महासंगम

आस्था का महासंगम

कुंभ और अर्धकुंभ केवल धार्मिक आयोजन नहीं हैं, बल्कि भक्ति, एकता और मोक्ष का प्रतीक भी हैं। संत, नागा साधु, भक्त और विदेशी पर्यटक यहां एकत्र होते हैं। 2027 का अर्धकुंभ हरिद्वार को एक बार फिर वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र बना देगा।