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हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर भगदड़: केजरीवाल ने उठाई जवाबदेही की मांग

हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में हुई भगदड़ ने देश को झकझोर दिया है। अरविंद केजरीवाल ने इसे व्यवस्थागत विफलता बताया और उत्तराखंड सरकार से जवाबदेही की मांग की। उन्होंने इस घटना को प्रशासनिक लापरवाही का परिणाम करार दिया है। AAP ने उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है ताकि दोषियों को सजा मिले। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और सरकार की प्रतिक्रिया।
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हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर भगदड़: केजरीवाल ने उठाई जवाबदेही की मांग

हरिद्वार में भगदड़ की घटना

हरिद्वार के पवित्र मनसा देवी मंदिर में हुई भगदड़ की दुखद घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस त्रासदी पर आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने इसे व्यवस्थागत विफलता का परिणाम बताया और उत्तराखंड सरकार से जवाबदेही तय करने की मांग की।


केजरीवाल का संवेदनशील बयान

अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए लिखा, "हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में हुई भगदड़ की हृदयविदारक घटना से मन व्यथित है। जिन श्रद्धालुओं ने अपने प्रियजनों को खोया, ईश्वर उन्हें शक्ति दें और दिवंगत आत्माओं को शांति प्रदान करें। धार्मिक स्थलों पर ऐसी भयावह घटनाएं व्यवस्थाओं की लापरवाही को उजागर करती हैं। यह केवल एक हादसा नहीं, बल्कि सिस्टम की असफलता है, जिसकी जवाबदेही तय होनी चाहिए।"


बीजेपी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल

केजरीवाल के इस बयान ने उत्तराखंड की बीजेपी सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। हरिद्वार, जो सावन के महीने में लाखों श्रद्धालुओं का स्वागत करता है, वहां भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था में बार-बार चूक क्यों हो रही है? यह सवाल अब सरकार के लिए जवाब देना अनिवार्य हो गया है।


प्रशासनिक लापरवाही का आरोप

आम आदमी पार्टी ने इस घटना को प्रशासनिक लापरवाही और राजनीतिक उदासीनता का परिणाम बताया है। AAP नेताओं ने तर्क किया कि सावन के महीने में मनसा देवी मंदिर में भारी भीड़ का अनुमान पहले से था, फिर भी पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं किए गए? पार्टी ने मांग की है कि इस हादसे की पारदर्शी और उच्चस्तरीय न्यायिक जांच हो, ताकि दोषियों को सजा मिले और पीड़ित परिवारों को न्याय मिल सके।


जवाबदेही की मांग

AAP ने स्पष्ट किया कि इस तरह की घटनाओं को केवल हादसा कहकर खानापूरी नहीं की जा सकती। सरकार को अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करनी होगी। पार्टी ने कहा कि ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए, ताकि भविष्य में श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो।