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हरियाणा ADGP आत्महत्या मामले में नया मोड़: DGP और SP पर मामला दर्ज

हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या मामले में नया मोड़ आया है। चंडीगढ़ पुलिस ने उनकी पत्नी की शिकायत पर DGP और SP के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोप है कि इन अधिकारियों ने उन्हें आत्महत्या के लिए उकसाया। वाई पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में कई अधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ना और जातीय भेदभाव के आरोप लगाए हैं। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और क्या है अधिकारियों पर लगे आरोप।
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हरियाणा ADGP आत्महत्या मामले में नया मोड़: DGP और SP पर मामला दर्ज

हरियाणा ADGP आत्महत्या मामला

हरियाणा ADGP आत्महत्या मामला: हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या ने एक नया मोड़ ले लिया है। चंडीगढ़ पुलिस ने उनकी पत्नी और आईएएस अधिकारी अनमीत पी. कुमार की शिकायत पर हरियाणा पुलिस के महानिदेशक (DGP) शत्रुजीत सिंह कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारनिया के खिलाफ मामला दर्ज किया है। आरोप है कि इन अधिकारियों ने वाई पूरन कुमार को आत्महत्या के लिए उकसाया।


चंडीगढ़ पुलिस ने बताया कि सेक्टर 11 थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 108 आरडब्ल्यू 3(5) (आत्महत्या के लिए उकसाना) और एससी एसटी एक्ट 1989 की धारा 3(1)(r) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि मामले की जांच जारी है और एफआईआर मृतक अधिकारी के सुसाइड नोट में उल्लेखित नामों के आधार पर की गई है।


वाई पूरन कुमार का आत्महत्या मामला


वाई पूरन कुमार 52 वर्ष के थे और 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। उन्होंने मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित अपने सेक्टर 11 आवास में अपनी सर्विस रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। उनका शव घर के बेसमेंट से बरामद हुआ था। सुसाइड नोट में वाई पूरन कुमार ने कई वरिष्ठ आईपीएस और आईएएस अधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ना, सार्वजनिक अपमान और जातीय भेदभाव के आरोप लगाए। उन्होंने लिखा कि उन्हें लंबे समय से परेशान किया जा रहा था और उनके खिलाफ झूठे मामले बनाए गए।


डीजीपी शत्रुजीत कपूर पर आरोप


वाई पूरन कुमार ने अपने सुसाइड नोट में आईपीएस और आईएएस अधिकारियों पर आरोप लगाया कि शत्रुजीत कपूर को 1 जनवरी, 2015 से बकाया वेतन मिल गया था, लेकिन जब उन्होंने उचित आधार पर इसकी मांग की, तो कपूर ने तत्कालीन गृह मंत्री अनिल विज और अतिरिक्त मुख्य सचिव, गृह, टीवीएसएन प्रसाद के सामने उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित किया और उनके बकाया को रोक दिया। उन्होंने झूठी शिकायतें दर्ज करने और सरकारी आवास व वाहन के लिए अतिरिक्त शर्तें लगाने का भी आरोप लगाया। एडीजीपी संजय कुमार, आईजी पंकज नैन, आईपीएस कला रामचंद्रन, आईपीएस संदीप खिर्वार, आईपीएस सिबाश कविराज, पूर्व डीजीपी मनोज यादव और पीके अग्रवाल पर भी मानसिक उत्पीड़न और झूठे आरोप लगाने का उल्लेख किया गया है।


आईएएस अधिकारियों पर आरोप


आईएएस अधिकारियों में टी वी एस एन प्रसाद और राजीव अरोड़ा पर भी आरोप लगाए गए हैं। राजीव अरोड़ा पर आरोप है कि उन्होंने वाई पूरन कुमार को अपने पिता से आखिरी बार मिलने की छुट्टी नहीं दी, जिसके कारण वे अपने पिता के अंतिम समय में मौजूद नहीं रह सके। इसे उन्होंने अपने जीवन का सबसे बड़ा दर्द बताया।