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हरियाणा CET नीति पर अलग परीक्षा की मांग, अगली सुनवाई 21 अगस्त को

हरियाणा CET नीति को चुनौती देते हुए खिलाड़ियों और तकनीकी क्षेत्र के अभ्यर्थियों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। उनका कहना है कि CET परीक्षा में उनके क्षेत्र से संबंधित प्रश्न नहीं होते, जिससे वे सफल नहीं हो पाते। याचिकाकर्ता अलग परीक्षा की मांग कर रहे हैं, ताकि योग्य उम्मीदवारों को अवसर मिल सके। अगली सुनवाई 21 अगस्त को होगी, जहां इस मामले पर और चर्चा की जाएगी।
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हरियाणा CET नीति पर अलग परीक्षा की मांग, अगली सुनवाई 21 अगस्त को

हरियाणा CET नीति पर कोर्ट में मामला

हरियाणा CET नीति: तकनीकी पदों के लिए अलग परीक्षा की मांग, अगली सुनवाई 21 अगस्त को: हरियाणा CET नीति अब उच्च न्यायालय में पहुंच चुकी है। खिलाड़ियों और तकनीकी क्षेत्र के अभ्यर्थियों ने ग्रुप C और D पदों के लिए लागू की गई CET नीति को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है। उनका कहना है कि CET परीक्षा में उनके क्षेत्र से संबंधित प्रश्न नहीं पूछे जाते, जिससे वे परीक्षा में सफल नहीं हो पाते और मुख्य परीक्षा से वंचित रह जाते हैं।


याचिकाकर्ताओं की ओर से वकील अंकुर सिधार ने अदालत में दलील दी कि जूनियर कोच जैसे पदों के लिए सामान्य CET उपयुक्त नहीं है। ऐसे पदों के लिए एक अलग परीक्षा होनी चाहिए जिसमें उनके क्षेत्र से संबंधित प्रश्न शामिल हों।


अगली सुनवाई 21 अगस्त को


इस मामले की सुनवाई पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की खंडपीठ, जिसमें जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्रा और जस्टिस रोहित कपूर शामिल हैं, द्वारा की गई। सरकार की ओर से पेश वकील ने अदालत से कुछ समय मांगा ताकि वे इस मामले में बेहतर जानकारी प्रदान कर सकें। अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 21 अगस्त निर्धारित की है।


यह याचिका खिलाड़ियों संजय कुमार, अमित कुमार, प्रवीन नैन, रवि कुमार, दीक्षा, समीक्षा खवं और मंजू द्वारा दायर की गई है। सभी का कहना है कि वर्तमान CET नीति उनके लिए अनुचित है और इससे योग्य उम्मीदवार भी पीछे रह जाते हैं।


CET नीति को रद्द करने की मांग


याचिकाकर्ताओं ने अदालत से अनुरोध किया है कि 31 दिसंबर 2024 को जारी CET नीति को रद्द किया जाए। उनका तर्क है कि कई तकनीकी पदों के लिए चार गुना योग्य उम्मीदवार भी नहीं मिल पाए क्योंकि वे CET पास नहीं कर सके। इसलिए इन पदों के लिए अलग परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए।


उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सामान्य श्रेणी के लिए पासिंग मार्क्स 40% और आरक्षित श्रेणी के लिए 30% निर्धारित किए जाएं। इससे तकनीकी क्षेत्र के प्रतिभाशाली उम्मीदवारों को न्याय मिल सकेगा और भर्ती प्रक्रिया अधिक पारदर्शी बन सकेगी।