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हरियाणा की महिला मुक्केबाजों ने वर्ल्ड बॉक्सिंग कप में जीते 3 स्वर्ण पदक

हरियाणा की महिला मुक्केबाजों ने वर्ल्ड बॉक्सिंग कप में शानदार प्रदर्शन करते हुए 3 स्वर्ण पदक जीते। भिवानी की साक्षी ढांडा, जैस्मीन लंबोरिया, और नूपुर श्योराण ने अपनी ताकत और कौशल से देश को गर्वित किया। इस जीत ने न केवल भिवानी की बॉक्सिंग परंपरा को मजबूत किया, बल्कि युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत भी बनी। जानें इनकी जीत की कहानी और भारतीय टीम की अन्य उपलब्धियों के बारे में।
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हरियाणा की महिला मुक्केबाजों ने वर्ल्ड बॉक्सिंग कप में जीते 3 स्वर्ण पदक

हरियाणा महिला बॉक्सिंग: भिवानी की बेटियों की शानदार जीत

हरियाणा महिला बॉक्सिंग ने वर्ल्ड बॉक्सिंग कप में भारत का नाम रोशन किया। 20 सदस्यीय भारतीय टीम ने कुल 11 पदक जीते, जिनमें 3 स्वर्ण, 5 रजत, और 3 कांस्य शामिल हैं।


विशेष रूप से, सभी स्वर्ण पदक हरियाणा की तीन प्रतिभाशाली मुक्केबाजों—साक्षी ढांडा, जैस्मीन लंबोरिया, और नूपुर श्योराण—ने जीते। भिवानी की इन महिला खिलाड़ियों ने अपनी मेहनत और समर्पण से देश को गर्वित किया। आइए जानते हैं इनकी अद्भुत जीत की कहानी।


भिवानी की बेटियों ने जीते तीन स्वर्ण पदक


हरियाणा की साक्षी ढांडा ने 54 किग्रा वर्ग में अमेरिका की योसलाइन पेरेज़ को हराकर पहला स्वर्ण पदक जीता। उनके आक्रामक पंचों ने मुकाबले में शुरू से ही दबदबा बनाया। जैस्मीन लंबोरिया (57 किग्रा) ने ब्राजील की जुसीलेन सेक्वेरा को 4:1 से हराया।


उनकी लंबी पहुंच और सटीक काउंटर पंचों ने जीत को सुनिश्चित किया। नूपुर श्योराण (80+ किग्रा) ने कजाकिस्तान की येलदाना तालिपोवा को 5:0 से हराया। पहले राउंड में पिछड़ने के बावजूद नूपुर ने बेहतरीन फुटवर्क के साथ शानदार वापसी की। ये जीत भिवानी की बॉक्सिंग परंपरा को और मजबूत बनाती हैं।


रजत और कांस्य में भी भारतीयों ने किया कमाल


भारतीय टीम ने 5 रजत और 3 कांस्य पदक भी जीते। हितेश गुलिया (70 किग्रा), जुगनू अहलावत (85 किग्रा), और अभिनाश जामवाल (65 किग्रा) ने पुरुष वर्ग में रजत पदक जीते। महिला वर्ग में पूजा रानी बोहरा (80 किग्रा) और मीनाक्षी (48 किग्रा) ने भी रजत हासिल किया।


कांस्य पदक संजू (60 किग्रा), निखिल दुबे (75 किग्रा), और नरेन्द्र (90+ किग्रा) ने जीते। भिवानी के जुगनू और पूजा ने रजत के साथ अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। ये उपलब्धियां भारत की बॉक्सिंग ताकत को दर्शाती हैं।


भिवानी: भारत का ‘मिनी क्यूबा’


भिवानी, जिसे ‘मिनी क्यूबा’ कहा जाता है, ने एक बार फिर बॉक्सिंग में अपनी ताकत दिखाई। तीनों स्वर्ण पदक विजेता—साक्षी, जैस्मीन, और नूपुर—भिवानी की हैं। इसके अलावा, रजत विजेता जुगनू और पूजा भी यहीं से हैं।


भिवानी की यह उपलब्धि युवा मुक्केबाजों के लिए प्रेरणा है। हरियाणा की इन बेटियों ने न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि वैश्विक मंच पर भी भारत का नाम रोशन किया। यह जीत हरियाणा की खेल संस्कृति और मेहनत को दर्शाती है। भिवानी का यह जलवा भविष्य में और ऊंचाइयों को छूएगा।