हरियाणा के आईपीएस अधिकारी Y Puran Kumar की आत्महत्या: पत्नी ने उठाए गंभीर सवाल

Y Puran Kumar की आत्महत्या का नया मोड़
Y Puran Kumar Suicide: हरियाणा के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार की आत्महत्या के मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। उनकी पत्नी, अमनीत पी. कुमार, जो एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं, ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को एक पत्र भेजकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि आठ पन्नों के सुसाइड नोट और औपचारिक शिकायत के बावजूद अब तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
अमनीत का आरोप
अमनीत का कहना है कि सुसाइड नोट में जिन उच्च अधिकारियों पर उत्पीड़न और मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए गए हैं, उन्हें अब तक किसी भी जांच का सामना नहीं करना पड़ा है। उन्होंने आरोप लगाया कि चंडीगढ़ पुलिस हरियाणा पुलिस और प्रशासन के प्रभावशाली अधिकारियों के दबाव में काम कर रही है और मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है।
मुख्यमंत्री को पत्र में क्या लिखा?
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में अमनीत ने कहा कि कार्रवाई न होने का कारण यह है कि हरियाणा पुलिस और प्रशासन के शक्तिशाली वरिष्ठ अधिकारी आरोपी हैं, जो चंडीगढ़ पुलिस को प्रभावित कर रहे हैं। उन्होंने यह भी आशंका जताई कि ये अधिकारी उन्हें और उनके परिवार को बदनाम करने की कोशिश कर सकते हैं।
सुसाइड नोट की कहानी
अमनीत पी. कुमार ने बताया कि जब यह घटना हुई, वह जापान में आधिकारिक दौरे पर थीं। उन्हें अपने पति का सुसाइड नोट और वसीयत प्राप्त हुई, जिसके बाद उन्होंने घबराकर उन्हें कॉल करना शुरू किया। उन्होंने 15 बार कॉल किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। तब उन्होंने अपनी बेटी को घर जाने के लिए कहा, लेकिन जब वह घर पहुंची, तो वाई पूरण कुमार का शव बेसमेंट में एक रिक्लाइनर पर मिला।
चंडीगढ़ पुलिस की भूमिका पर सवाल
इस मामले में चंडीगढ़ पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए हैं। अमनीत का आरोप है कि पुलिस ने अब तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की है और सुसाइड नोट में उल्लिखित गंभीर आरोपों को नजरअंदाज कर रही है। आठ पन्नों का विस्तृत सुसाइड नोट और उनकी औपचारिक शिकायत को दरकिनार कर दिया गया है।
प्रशासनिक संकट की ओर इशारा
वाई पूरण कुमार की आत्महत्या ने हरियाणा प्रशासन और पुलिस महकमे में हलचल मचा दी है। उनकी पत्नी द्वारा लगाए गए आरोपों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला न केवल व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि एक बड़े संस्थागत संकट की ओर भी इशारा करता है।
अमनीत पी. कुमार का पत्र अब सार्वजनिक चर्चा का विषय बन चुका है। उन्होंने मुख्यमंत्री से निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की मांग की है ताकि सच्चाई सामने आ सके। यह मामला न केवल एक अधिकारी की मौत का है, बल्कि उस व्यवस्था की पारदर्शिता और जवाबदेही का भी परीक्षण है, जिसे वह खुद वर्षों तक सेवा देती रही हैं।