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हरियाणा के किसान ने मुर्रा भैंस से बनाया नया दूध उत्पादन रिकॉर्ड

हरियाणा के हिसार जिले के किसान ईश्वर सिंघवा ने अपनी मुर्रा भैंस 'राधा' के माध्यम से दूध उत्पादन में नया विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया है। राधा ने 35.669 किलोग्राम दूध देकर कैथल की भैंस रेशमा का पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया। ईश्वर ने बताया कि राधा की कीमत अब 15 लाख रुपये है, लेकिन वे इसे बेचने के लिए तैयार नहीं हैं। जानें इस सफलता की पूरी कहानी और राधा की विशेषताओं के बारे में।
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हरियाणा के किसान ने मुर्रा भैंस से बनाया नया दूध उत्पादन रिकॉर्ड

हरियाणा में पशुपालन की नई ऊंचाइयाँ

Buffalo Milk Record Murrah Breed: हिसार | हरियाणा के किसान न केवल खेती में, बल्कि पशुपालन में भी उत्कृष्टता हासिल कर रहे हैं। ये किसान अपने पशुओं की देखभाल करके न केवल अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं, बल्कि अच्छी आय भी अर्जित कर रहे हैं।


इसी क्रम में, हिसार जिले के सिंघवा खास गांव के पशुपालक ईश्वर सिंघवा की मुर्रा नस्ल की भैंस 'राधा' ने एक अद्वितीय रिकॉर्ड स्थापित किया है।


कैथल की रेशमा को पीछे छोड़ते हुए नया रिकॉर्ड

सिंघवा खास गांव के पशु अस्पताल में दूध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इस प्रतियोगिता में, ईश्वर सिंघवा की भैंस राधा ने 35.669 किलोग्राम दूध देकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया। राधा ने कैथल जिले की भैंस रेशमा का 33.800 किलोग्राम दूध का पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया।


राधा: परिवार का गर्व

ईश्वर सिंघवा, जो हरियाणा में एक प्रसिद्ध पशुपालक हैं, ने बताया कि उन्होंने राधा भैंस को फतेहाबाद जिले के गांव कन्नड़ी से खरीदा था। राधा ने पहले भी कई दूध प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है और प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों और मुख्यमंत्री जैसे कई प्रमुख व्यक्तियों से सम्मानित हो चुकी है।


ईश्वर ने खुलासा किया कि राधा की कीमत अब 15 लाख रुपये है, लेकिन वे इसे बेचने के लिए तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि विश्व रिकॉर्ड बनाने के बाद भी, वे इसे 1 करोड़ रुपये में भी नहीं बेचेंगे, क्योंकि इस भैंस ने उनके परिवार का मान बढ़ाया है।


हरियाणा ही नहीं, पूरे देश में राधा के कारण ईश्वर का नाम रोशन हुआ है। मुर्रा नस्ल की सबसे प्रसिद्ध भैंस 'धन्नो रानी' के मालिक भी ईश्वर हैं। उन्होंने पिछले महीने धन्नो के लिए जीवन यज्ञ किया था। 25 साल की उम्र में भी धन्नो की सेवा उतनी ही भक्ति से हो रही है, जितनी उसके दूध देने के दिनों में होती थी।