हरियाणा के जगत सिंह ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया

जगत सिंह का चुनावी सफर
भिवानी के जगत सिंह ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र प्रस्तुत किया है। हरियाणा के भिवानी निवासी जगत सिंह, जो बिजली निगम से क्लर्क के पद से रिटायर हुए हैं, का चुनाव लड़ने का उद्देश्य कर्मचारियों की मांगों को पूरा करना और एसवाईएल नहर में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। उनका कहना है कि वे केवल कर्मचारियों और नहर के पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
चुनावों में सक्रियता
जगत सिंह हमेशा चुनावों में कर्मचारियों से जुड़े मुद्दों को प्राथमिकता देते हैं। उन्होंने 2012 से अब तक तीन बार राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन किया है और दो बार लोकसभा तथा एक बार विधानसभा चुनाव भी लड़ा है।
36 वर्षों की सेवा
भिवानी के चांग गांव के 71 वर्षीय जगत सिंह ने बिजली निगम में 36 साल 2 महीने तक सेवा दी। उन्होंने मीटर रीडर के रूप में अपने करियर की शुरुआत की और 2012 में अपर डिवीजन क्लर्क के पद से रिटायर हुए।
राष्ट्रपति चुनाव में असफलता
रिटायरमेंट के बाद, जगत सिंह ने सरकारी कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने के लिए चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय लिया। उन्होंने 2012, 2017 और 2022 में राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल किए, लेकिन उनके आवेदन पत्र रिजेक्ट हो गए।
मुख्य मांगें
- सभी विभागों में रिक्त पदों को नियमित भर्ती से भरना।
- एक्सग्रेसिया पॉलिसी की शुरुआत।
- कर्मचारियों को बोनस और पेंशन प्रदान करना।
- एसवाईएल का पानी जो पाकिस्तान में जा रहा है, उसे रोककर राजस्थान और हरियाणा में लाना।
समर्थन की आवश्यकता
राष्ट्रपति चुनाव में नामांकन के लिए 50 सांसदों का प्रस्ताव और अनुमोदन आवश्यक है। जगत सिंह को इस बार भी किसी सांसद का समर्थन नहीं मिला है। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए 20+20 सांसदों का समर्थन आवश्यक है, जिससे कुल 40 सांसदों का समर्थन जरूरी है।