हरियाणा के पूर्व मंत्री संपत सिंह ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा, इनेलो में शामिल होने की चर्चा
संपत सिंह का कांग्रेस से इस्तीफा
हरियाणा के पूर्व वित्त मंत्री संपत सिंह ने कांग्रेस पार्टी को छोड़ने का निर्णय लिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी के शीर्ष नेताओं को भेजा है, जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, और अन्य शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि इस्तीफे में उन्होंने भूपेंद्र सिंह हुड्डा का नाम नहीं लिया, जो उनके करीबी माने जाते थे। इस बीच, यह भी चर्चा है कि संपत सिंह अब इनेलो पार्टी की ओर रुख कर सकते हैं।
संपत सिंह ने 48 साल पहले देवीलाल के साथ राजनीति में कदम रखा था और हाल ही में रोहतक में इनेलो की रैली में भी शामिल हुए थे।
कुमारी सैलजा की प्रशंसा
अपने इस्तीफे में, संपत सिंह ने सांसद कुमारी सैलजा की सराहना की और उन्हें पार्टी में प्रताड़ित बताया। उन्होंने कांग्रेस के अन्य नेताओं के पार्टी छोड़ने के कारणों का भी उल्लेख किया और इशारों-इशारों में भूपेंद्र सिंह हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया।
कांग्रेस नेतृत्व पर असंतोष
संपत सिंह ने कहा कि वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व में उनका विश्वास समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा, "मैं हरियाणा की जनता को निराश नहीं कर सकता। मेरी प्रतिबद्धता अपने प्रदेश के प्रति अटूट है, लेकिन कांग्रेस की क्षमता पर मेरा विश्वास नहीं रहा।"
राजनीतिक सफर की शुरुआत
संपत सिंह ने बताया कि 1977 में जब वह जाट कॉलेज हिसार में प्रोफेसर थे, तब ताऊ देवीलाल ने उन्हें राजनीति में आने का प्रस्ताव दिया। इसके बाद उन्होंने देवीलाल के साथ राजनीति में कदम रखा और फतेहाबाद की भट्टू विधानसभा से चुनाव लड़ा। वह 6 बार विधायक रह चुके हैं।
वित्त मंत्री के रूप में कार्यकाल
संपत सिंह 1987 में ताऊ देवीलाल के नेतृत्व में वित्त मंत्री रहे और 1999 में ओमप्रकाश चौटाला की सरकार में भी इस पद पर रहे। उनके पास कई महत्वपूर्ण विभागों का कार्यभार था।
