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हरियाणा के मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को नागरिक शिकायतों के त्वरित समाधान के निर्देश दिए

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को नागरिक शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए निर्देशित किया है। उन्होंने कहा कि प्रभावी कानून प्रवर्तन का आधार जनता का विश्वास है और पुलिस अधिकारियों को नागरिकों की चिंताओं से जुड़ना चाहिए। मुख्यमंत्री ने नागरिक-हितैषी पुलिसिंग मॉडल को अपनाने का आह्वान किया है, जिसमें त्वरित शिकायत निवारण को प्राथमिकता दी जाएगी। इस पहल का उद्देश्य राज्य में संवेदनशील और समुदाय-उन्मुख पुलिस व्यवस्था स्थापित करना है।
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हरियाणा के मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को नागरिक शिकायतों के त्वरित समाधान के निर्देश दिए

मुख्यमंत्री का निर्देश

चंडीगढ़- हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को आदेश दिया है कि वे जनसंपर्क गतिविधियों को बढ़ावा दें और नागरिकों की शिकायतों का शीघ्र समाधान सुनिश्चित करें।


मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रभावी कानून प्रवर्तन का आधार जनता का विश्वास है। कमिश्नर से लेकर डीएसपी तक, सभी पुलिस अधिकारियों को नागरिकों की चिंताओं से गहराई से जुड़ना आवश्यक है। ग्रामीणों, युवाओं और स्थानीय समुदायों के साथ संवाद बढ़ाना नशीली दवाओं के दुरुपयोग और आपराधिक गतिविधियों से निपटने में सहायक होगा।


उन्होंने कहा कि निवासियों के साथ खुला संवाद बनाए रखना और उनकी समस्याओं को ध्यान से सुनना पुलिसकर्मियों की प्राथमिक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने नागरिक-हितैषी पुलिसिंग मॉडल को अपनाने का आह्वान किया, जिसमें त्वरित शिकायत निवारण को कानून व्यवस्था की रीढ़ बताया गया।


गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने पुलिस आयुक्तों, महानिरीक्षकों, उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और सहायक आयुक्तों को विस्तृत निर्देश जारी किए हैं।
निर्देशों में अधिकारियों को स्थानीय समुदायों के साथ जुड़ाव बढ़ाने के लिए नियमित क्षेत्र भ्रमण और गाँवों में अनिवार्य रात्रि विश्राम करने का निर्देश दिया गया है। अन्य विभागों से संबंधित शिकायतों को तुरंत उपायुक्तों या संबंधित अधिकारियों को भेजने और रात्रि विश्राम की विस्तृत रिपोर्ट एचआरएमएस एप्लिकेशन के माध्यम से प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।


नागरिक-पुलिस संपर्क को औपचारिक बनाने के लिए अधिकारियों को जनसभाओं के लिए निश्चित समय निर्धारित करना होगा। कार्यदिवसों में सुबह 11 से 12 बजे और अपराह्न तीन से चार बजे तक कार्यालय में उपस्थित रहकर शिकायतें सुननी होंगी और उनका पारदर्शी समाधान करना होगा। निगरानी व्यवस्था को मज़बूत करने के लिए अधिकारियों को हर दो हफ़्ते में गृह विभाग को अनुपालन रिपोर्ट देनी होगी। यह पहल राज्य में संवेदनशील और समुदाय-उन्मुख पुलिस व्यवस्था बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जो नागरिक कल्याण, जवाबदेही और जनता के विश्वास पर आधारित होगी।