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हरियाणा के युवाओं की सुरक्षित वापसी की मांग: अनुराग ढांडा का बयान

अनुराग ढांडा ने हरियाणा के युवाओं की रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे होने की चिंता जताई है। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से अपील की है कि वे विदेश विभाग से संपर्क कर इन युवाओं की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करें। ढांडा ने सरकार पर आरोप लगाया कि धोखेबाज एजेंटों ने युवाओं को नौकरी का झांसा देकर युद्ध में भेजा है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक राजनीतिक मुद्दा नहीं, बल्कि हर मां की मांग है।
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हरियाणा के युवाओं की सुरक्षित वापसी की मांग: अनुराग ढांडा का बयान

हरियाणा के युवा युद्ध में फंसे, सरकार की चुप्पी पर सवाल

अनुराग ढांडा ने उठाए गंभीर सवाल


मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी से की गई अपील


चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता अनुराग ढांडा ने सोमवार को कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे हरियाणा के युवाओं की स्थिति ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है। उन्होंने कहा, "हरियाणा के सैकड़ों युवा अब भी युद्ध क्षेत्र में हैं, जहां हर दिन गोलियां चल रही हैं और बम गिर रहे हैं। यह केवल एक शांति की पुकार नहीं, बल्कि हर हरियाणवी मां की सिसक है।"


हिसार जिले के मोदनहेड़ी गांव का एक युवा अमन अपने वीडियो में रोते हुए कहता है, "मुझे बताया गया था कि मुझे सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी मिलेगी, लेकिन 10 दिन की ट्रेनिंग के बाद मुझे सीधे बॉर्डर पर भेज दिया गया। हर तरफ बम गिर रहे हैं, लोग मर रहे हैं, और मेरी जान कभी भी जा सकती है। कृपया मुझे यहां से निकालें।" ढांडा ने कहा कि यह वीडियो किसी भी इंसान को झकझोर देने वाला है, लेकिन मोदी सरकार और हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अब तक चुप हैं।


अनुराग ढांडा ने कहा, "क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर को ये आवाजें सुनाई नहीं देतीं? क्या यही 'अच्छे दिन' हैं कि हमारे बेरोजगार बेटे विदेशी फौजों में भर्ती होकर मरें और दिल्ली की सरकार मूकदर्शक बनी रहे?" उन्होंने हरियाणा सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन आज वही युवा धोखेबाज एजेंटों के जाल में फंसकर रूस की लड़ाई लड़ने को मजबूर हैं।


अनुराग ढांडा ने कहा, "ये एजेंट हरियाणा के गांवों में घूम रहे हैं। कभी भाषा सिखाने का झांसा देते हैं, कभी सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी का। और फिर हजारों रुपये लेकर इन बच्चों को मौत की खाई में धकेल देते हैं। ये एजेंट खुले घूम रहे हैं और सैनी सरकार मौन है — क्या यही है 'डबल इंजन सरकार' की जिम्मेदारी?"


उन्होंने बताया कि 2024 से अब तक हरियाणा के दर्जनों युवा रूस भेजे गए हैं। विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2025 तक कम से कम 12 भारतीय मारे गए हैं, और 85 अब भी रूसी फौज में फंसे हैं। इनमें हिसार, कैथल, रोहतक, जींद और भिवानी के युवा शामिल हैं।


अनुराग ढांडा ने कहा कि यह केवल विदेश मंत्रालय की नहीं, बल्कि हरियाणा सरकार की भी नाकामी है। उन्होंने कहा, "अगर हरियाणा में रोजगार के अवसर होते, तो किसी मां का बेटा आज रूस की बर्फ में खून से लथपथ नहीं होता। सैनी सरकार की नींद तभी खुलेगी जब किसी मंत्री का बेटा इस जाल में फंसेगा?"


उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी इस दर्द को राजनीति नहीं, बल्कि जिम्मेदारी मानती है। सरकार को ऐसे फर्जी एजेंटों पर सख्त कानून बनाना चाहिए, और हरियाणा के युवाओं के लिए प्रदेश में ही सम्मानजनक रोजगार सुनिश्चित करना चाहिए। ताकि भविष्य में किसी मां की गोद सूनी न हो, और न ही किसी बेटे को मौत के सौदागरों के भरोसे छोड़ा जाए।


अंत में उन्होंने कहा, "हरियाणा का बेटा किसी विदेशी युद्ध का ईंधन नहीं, इस मिट्टी का अभिमान है। अगर मोदी सरकार और नायब सिंह सैनी में ज़रा भी संवेदना बाकी है, तो तुरंत कदम उठाएं, इन बेटों को वतन वापस लाएं। वरना आने वाले समय में जनता इन आंसुओं का हिसाब जरूर लेगी। जब तक आखिरी हरियाणवी बेटा घर नहीं लौटता, आम आदमी पार्टी चुप नहीं बैठेगी। यह केवल एक राजनीतिक मुद्दा नहीं, यह हर मां की मांग है।