हरियाणा के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता की जांच के लिए गठित की गई कमेटी

सरकार ने बनाई 7 अफसरों की टीम
हरियाणा सरकार ने अपने सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर का मूल्यांकन करने के लिए एक नई कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में 7 एचसीएस अधिकारी शामिल हैं। यह टीम, जो डायरेक्टर सेकेंडरी एजुकेशन द्वारा बनाई गई है, प्रदेश के विभिन्न स्कूलों का निरीक्षण करेगी और अपनी रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत करेगी।
कमेटी का ध्यान चार मुख्य बिंदुओं पर होगा। पहले, यह देखेगी कि स्कूलों में डिजिटल बोर्ड का उपयोग किस प्रकार किया जा रहा है। दूसरे, छात्रों को दिए गए टैबलेट्स की स्थिति का मूल्यांकन किया जाएगा, जिसमें यह भी जांचा जाएगा कि क्या इनका वितरण सही तरीके से हुआ है।
इसके अलावा, यह सुनिश्चित किया जाएगा कि छात्रों द्वारा टैबलेट्स का दुरुपयोग तो नहीं हो रहा है। इसके साथ ही, आईसीटी लैब और लैंग्वेज लैब की भी अलग-अलग रिपोर्ट तैयार की जाएगी। यह कदम सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए उठाया गया है।
अफसरों को दी गई जिम्मेदारियाँ
कमेटी में शामिल अमृता सिंह, जो कि एडिशनल डायरेक्टर हैं, को पंचकूला और यमुनानगर जिलों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, एडमिन के एडिशनल डायरेक्टर कमलप्रीत कौर को कैथल, जींद और करनाल जिलों का निरीक्षण करने का कार्य दिया गया है।
ममता को कुरुक्षेत्र और अंबाला के स्कूलों की जिम्मेदारी दी गई है। संयुक्त निदेशक सुरेंद्र सिंह को हिसार, फतेहाबाद और सिरसा जिलों का निरीक्षण करना है। संजीव कुमार को महेंद्रगढ़, मेवात, पलवल और फरीदाबाद का निरीक्षण सौंपा गया है।
इसके अलावा, मयंक वर्मा को पानीपत, सोनीपत, गुरुग्राम और रेवाड़ी के स्कूलों की जिम्मेदारी दी गई है, जबकि हिमांशू चौहान को रोहतक, झज्जर, भिवानी और चरखी दादरी के स्कूलों का निरीक्षण करना है।