हरियाणा के सरपंचों का विधायक के खिलाफ बहिष्कार: 132 पंचायतों का एकजुट विरोध

हरियाणा में सरपंचों का विधायक के खिलाफ विरोध
हरियाणा में सरपंचों का विधायक बहिष्कार: मामन खान ने दबाव में सवाल वापस लिया, 132 पंचायतों ने किया विरोध: हरियाणा के राजनीतिक परिदृश्य में सरपंचों द्वारा विधायक के बहिष्कार की खबर ने हलचल मचा दी है। नूंह जिले के नगीना, पिनगवां और फिरोजपुर झिरका ब्लॉकों की सरपंच एसोसिएशन ने कांग्रेस विधायक मामन खान के खिलाफ मोर्चा खोला है। इसका कारण विधानसभा में पूछा गया एक तारांकित प्रश्न है, जिसमें पंचायतों के कार्यों और लेखा-जोखा पर सवाल उठाया गया था।
सरपंचों ने इस प्रश्न को अपनी प्रतिष्ठा पर हमला मानते हुए विरोध का निर्णय लिया। 12 अगस्त को जिला परिषद के सीईओ द्वारा भेजे गए पत्र ने स्थिति को और भी गंभीर बना दिया, जिसमें सभी सरपंचों से 24 घंटे के भीतर जवाब मांगा गया था।
132 पंचायतों का एकजुट विरोध, विधायक ने लिया सवाल वापस
तीनों ब्लॉकों की सरपंच एसोसिएशन ने बैठक कर विधायक के बहिष्कार की घोषणा की। लगभग 150 गांवों की 132 पंचायतों ने इस निर्णय का समर्थन किया। यह विरोध इतना प्रभावशाली था कि विधायक मामन खान को आधी रात को विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजकर अपना सवाल वापस लेना पड़ा।
सरपंचों ने स्पष्ट किया कि वे किसी भी जनप्रतिनिधि द्वारा पंचायतों की गरिमा को ठेस पहुंचाने की अनुमति नहीं देंगे। उनका मानना है कि पंचायतें ग्रामीण विकास की रीढ़ हैं और उन पर सवाल उठाना पूरे गांव का अपमान है।
पंचायतों की ताकत और राजनीतिक संदेश
यह घटनाक्रम यह दर्शाता है कि पंचायतें केवल प्रशासनिक इकाई नहीं हैं, बल्कि जनभावनाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं। सरपंचों की एकजुटता ने विधायक को झुकने पर मजबूर कर दिया। यह हरियाणा की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जहां स्थानीय नेतृत्व ने अपनी ताकत का प्रदर्शन किया।
इस बहिष्कार का प्रभाव न केवल मामन खान की राजनीतिक स्थिति पर पड़ा है, बल्कि अन्य जनप्रतिनिधियों को भी यह संदेश गया है कि पंचायतों की गरिमा से खिलवाड़ करना आसान नहीं है। यह मामला आगामी चुनावों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।