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हरियाणा पुलिस के तीन अधिकारियों का निलंबन मंत्री के काफिले की दुर्घटना के बाद

हरियाणा में कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा के काफिले की गाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। जांच में पता चला कि ये पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी छोड़कर निजी काम के लिए गए थे। इस घटना ने पुलिस की जवाबदेही और अनुशासन पर सवाल उठाए हैं। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और पुलिस विभाग की कार्रवाई के बारे में।
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हरियाणा पुलिस के तीन अधिकारियों का निलंबन मंत्री के काफिले की दुर्घटना के बाद

हरियाणा पुलिस का निलंबन मामला

हरियाणा पुलिस का निलंबन: मंत्री के काफिले की कार दुर्घटना के बाद तीन पुलिसकर्मी निलंबित: हरियाणा पुलिस के निलंबन की एक महत्वपूर्ण घटना सामने आई है। हरियाणा के हांसी में कैबिनेट मंत्री रणबीर गंगवा के काफिले की गाड़ी के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद तीन पुलिसकर्मियों, जिनमें एक सब-इंस्पेक्टर भी शामिल है, को निलंबित किया गया है।


हांसी के पुलिस अधीक्षक (SP) अमित यशवर्धन द्वारा की गई जांच में यह सामने आया कि ये पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी में लापरवाह थे और निजी काम के लिए भिवानी गए थे। इस घटना ने पुलिस की जवाबदेही और अनुशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आइए, इस मामले की पूरी जानकारी लेते हैं।


दुर्घटना की सच्चाई और पुलिस की लापरवाही


3 जुलाई 2025 की रात को हरियाणा के PWD मंत्री रणबीर गंगवा का काफिला हिसार-दिल्ली नेशनल हाईवे पर लौट रहा था। इस दौरान उनकी पायलट गाड़ी (PCR-2) गढ़ी गांव के पास एक ट्रक से टकरा गई, जिससे गाड़ी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई।


इस दुर्घटना में तीन पुलिसकर्मी घायल हुए। प्रारंभ में पुलिसकर्मियों ने कहा कि वे मंत्री को एस्कॉर्ट करने के बाद गढ़ी की ओर लौट रहे थे, लेकिन SP अमित यशवर्धन की जांच में यह बात गलत साबित हुई। जांच से पता चला कि पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी छोड़कर निजी काम के लिए भिवानी के मुंढाल गांव गए थे, और लौटते समय यह दुर्घटना हुई।


पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई


SP अमित यशवर्धन ने इस लापरवाही को गंभीरता से लिया। जांच में स्पष्ट हुआ कि PCR-2 ने मंत्री रणबीर गंगवा को रात करीब 10:30 बजे रामायण टोल प्लाजा पर छोड़ दिया था। इसके बाद उनकी ड्यूटी हांसी शहर थाने के क्षेत्र में थी, लेकिन वे बिना अनुमति के भिवानी के मुंढाल गांव चले गए।


इस गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार के कारण तीनों पुलिसकर्मियों को तुरंत निलंबित कर दिया गया। इसके अलावा, क्षतिग्रस्त गाड़ी की मरम्मत का पूरा खर्च भी इन पुलिसकर्मियों से वसूला जाएगा। यह कार्रवाई पुलिस विभाग में अनुशासन बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।


जवाबदेही और पारदर्शिता की आवश्यकता


यह घटना हरियाणा पुलिस के निलंबन के मामले में एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। पुलिसकर्मियों की इस लापरवाही ने न केवल उनकी ड्यूटी के प्रति गैर-जिम्मेदारी को उजागर किया, बल्कि आम जनता के बीच पुलिस की विश्वसनीयता पर भी सवाल उठाए।


SP अमित यशवर्धन की त्वरित कार्रवाई से यह संदेश गया है कि पुलिस विभाग में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाए जाएंगे। यह मामला पुलिस सुधारों और जवाबदेही को बढ़ावा देने की आवश्यकता को रेखांकित करता है। हरियाणा पुलिस का यह मामला न केवल पुलिसकर्मियों के लिए एक सबक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सरकार और प्रशासन जनता के प्रति अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से ले रहे हैं।