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हरियाणा पुलिस में रिश्वतखोरी का मामला: ASI रंगे हाथ पकड़ा गया

हरियाणा पुलिस के एक सहायक उप-निरीक्षक को एंटी करप्शन ब्यूरो ने 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। यह मामला पुलिस की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है। ASI ने एक धोखाधड़ी केस को खारिज करने के लिए रिश्वत मांगी थी, जिसके बाद शिकायतकर्ता ने एसीबी में शिकायत दर्ज कराई। एसीबी की त्वरित कार्रवाई से यह स्पष्ट होता है कि भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और पुलिस की छवि पर इसके प्रभाव के बारे में।
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हरियाणा पुलिस में रिश्वतखोरी का मामला: ASI रंगे हाथ पकड़ा गया

हरियाणा पुलिस रिश्वत मामले का खुलासा

हरियाणा पुलिस रिश्वतखोरी: एसीबी ने ASI को 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा: हरियाणा पुलिस के रिश्वत मामले ने एक बार फिर खाकी की छवि पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हिसार के सिविल लाइन थाने में तैनात सहायक उप-निरीक्षक (ASI) रामनिवास को एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए पकड़ा है।


ASI ने एक मामले को खारिज करने के लिए 30 हजार रुपये की मांग की थी। यह घटना पुलिस की विश्वसनीयता पर गहरा असर डालती है। आइए, इस मामले की विस्तृत जानकारी प्राप्त करें।


रिश्वत की मांग और शिकायत

हिसार के सिविल लाइन थाने में ASI रामनिवास ने कुरुक्षेत्र के निवासी देवेंद्र और बलवान से एक केस खारिज करने के लिए रिश्वत मांगी।


यह मामला 2023 में धोखाधड़ी से संबंधित था, जिसमें 1 लाख 30 हजार रुपये के लेनदेन को लेकर विवाद हुआ था। दोनों पक्षों के बीच समझौता हो चुका था, और शिकायतकर्ता ने शपथ पत्र भी दिया था। फिर भी, ASI ने पहले 1 लाख रुपये की मांग की, जो बाद में 30 हजार रुपये पर तय हुई। देवेंद्र ने इस मामले की शिकायत ACB को की, जिसके बाद कार्रवाई शुरू हुई।


ACB की कार्रवाई और गिरफ्तारी

ACB ने देवेंद्र की शिकायत पर तुरंत एक टीम का गठन किया। टीम ने देवेंद्र को 15 हजार रुपये के नोट दिए, जिन्हें ASI को देने के लिए तैयार किया गया। देवेंद्र सिविल लाइन थाने पहुंचा और ASI रामनिवास को रकम सौंपी। जैसे ही रामनिवास नोट गिनने लगा, ACB की टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया।


यह कार्रवाई हरियाणा पुलिस रिश्वत मामले में एक सख्त संदेश देती है। ACB अब मामले की गहन जांच कर रही है ताकि और कोई संलिप्तता सामने आ सके।


पुलिस की छवि पर प्रभाव

यह हरियाणा पुलिस रिश्वत मामला पुलिस विभाग की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला है। ASI जैसे जिम्मेदार पद पर बैठे अधिकारी का रिश्वत लेते पकड़ा जाना आम लोगों का भरोसा डगमगा सकता है। ACB की त्वरित कार्रवाई से यह संदेश गया है कि भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सरकार और पुलिस विभाग को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाने होंगे। यह मामला लोगों को जागरूक करता है कि भ्रष्टाचार की शिकायत करने से सही कार्रवाई हो सकती है।