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हरियाणा बाल आयोग ने चरखी दादरी में पुलिस थानों और अस्पतालों का निरीक्षण किया

हरियाणा राज्य बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग ने चरखी दादरी में पुलिस थानों और अस्पतालों का निरीक्षण किया। इस दौरान आयोग ने बच्चों के लिए चाइल्ड फ्रेंडली रूम बनाने और पोक्सो मामलों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने की सिफारिश की। निरीक्षण में नवजात शिशुओं की माताओं से बातचीत भी की गई। जानें आयोग के सदस्यों ने और क्या निर्देश दिए।
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हरियाणा बाल आयोग ने चरखी दादरी में पुलिस थानों और अस्पतालों का निरीक्षण किया

बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम


  • बाल अधिकारों की रक्षा के लिए चाइल्ड फ्रेंडली रूम और विशेष निगरानी की सिफारिश


(चरखी दादरी समाचार) चरखी दादरी। हरियाणा राज्य बाल अधिकार एवं संरक्षण आयोग के सदस्यों, डॉक्टर मांगेराम और मीना कुमारी, ने जिले के विभिन्न पुलिस थानों का निरीक्षण किया। इस दौरान बच्चों को मिलने वाली सुविधाओं का मूल्यांकन किया गया। आयोग के सदस्यों ने महिला थाना, सिटी थाना और सदर थाना का दौरा किया और सभी एस.एच.ओ व विशेष जुविनाइल पुलिस यूनिट के साथ बैठक की।


डॉक्टर मांगेराम ने विशेष जुविनाइल पुलिस यूनिट को निर्देश दिए कि हर थाने में बच्चों के लिए एक अलग चाइल्ड फ्रेंडली रूम होना आवश्यक है। उन्होंने जरूरतमंद बच्चों और सीसीएल बच्चों की देखभाल पर विशेष ध्यान देने की बात कही। सीएनसीपी बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष और सीसीएल बच्चों को किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश करने की आवश्यकता पर जोर दिया।


इसके अलावा, आयोग की टीम ने मेटरनिटी वार्ड और निक्कू वार्ड का भी दौरा किया। वार्ड में नवजात शिशुओं की माताओं से बातचीत की गई और नवजात शिशुओं के संरक्षण के लिए अधिकारियों को मौके पर निर्देश दिए गए।


आयोग ने सीएमओ को निर्देश दिया कि पोक्सो मामलों के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए। मेटरनिटी और निक्कू वार्ड में चाइल्ड फ्रेंडली रूम बनाने के लिए दिशा-निर्देश भी दिए गए। इस अवसर पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी नीलकमल, बाल विवाह निषेध अधिकारी हरबंस कौर, बाल कल्याण समिति के सदस्य और मानव तस्करी विरोधी इकाई की टीम भी उपस्थित थी।