हरियाणा बुजुर्ग कल्याण योजना: 80 वर्ष से अधिक आयु के गरीबों के लिए सहायता

हरियाणा बुजुर्ग कल्याण योजना का महत्वपूर्ण निर्णय
हरियाणा सरकार ने बुजुर्गों के कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जो न केवल प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि मानवीय संवेदनाओं को भी छूता है। राज्य में 80 वर्ष या उससे अधिक आयु के उन बुजुर्गों की पहचान की गई है, जो गरीबी में जीवन यापन कर रहे हैं और अपने परिवार में अकेले हैं।
सरकार द्वारा बुजुर्गों की पहचान
परिवार पहचान पत्र (PPP) के डेटा के आधार पर 37,262 बुजुर्गों को चिन्हित किया गया है। इनमें से कई की वार्षिक आय 50,000 रुपये से भी कम है। सरकार अब इन बुजुर्गों तक सीधे पहुंचेगी और उनकी आवश्यकताओं को समझेगी।
घर-घर जाकर सहायता प्रदान की जाएगी
राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि उसके प्रतिनिधि इन बुजुर्गों के घर जाकर उनकी स्थिति का जायजा लेंगे। यदि किसी को चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है, तो उसका प्रबंध सरकार द्वारा किया जाएगा। इसके अलावा, जिनके पास पर्याप्त भोजन नहीं है, उनके लिए खाने-पीने की व्यवस्था की जाएगी।
आश्रय स्थलों में स्थानांतरण की योजना
सूत्रों के अनुसार, सरकार की योजना के तहत कुछ बुजुर्गों को आश्रय स्थलों में भी स्थानांतरित किया जा सकता है, जहां उन्हें चिकित्सा, भोजन, कपड़े और अन्य आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
मुख्यमंत्री का विशेष निर्देश
परिवार पहचान प्राधिकरण के राज्य समन्वयक डॉ. सतीश खोला ने बताया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने इस योजना को लेकर विशेष निर्देश दिए हैं। सरकार अब इन बुजुर्गों से सीधे संवाद करेगी और उनकी आवश्यकताओं के अनुसार सहायता प्रदान करेगी।
सामाजिक कल्याण की दिशा में एक बड़ा कदम
यह योजना हरियाणा में सामाजिक कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल बुजुर्गों का जीवन बेहतर होगा, बल्कि समाज में उनके प्रति सम्मान और संवेदना भी बढ़ेगी।