हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने प्रशासनिक लापरवाही पर जताई नाराजगी, कई विभागों को भेजा नोटिस

हरियाणा मानव अधिकार आयोग की कार्रवाई
हरियाणा मानव अधिकार आयोग: प्रशासनिक लापरवाही पर जताई नाराजगी, कई विभागों को भेजा नोटिस: हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने एक वरिष्ठ नागरिक की शिकायत पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए प्रशासनिक तंत्र की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। शिकायतकर्ता अमर सिंह मुरवाला, जो पानीपत के निवासी हैं, ने आयोग के समक्ष तीन महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए—(PPP रद्द करना), आवास योजना से वंचित रहना और वृद्धाश्रम की खराब स्थिति।
उन्होंने बताया कि उनका पारिवारिक पहचान पत्र (PPP No. 525M4911) बिना किसी सूचना या जांच के निष्क्रिय कर दिया गया। इसके कारण उन्हें वृद्धावस्था पेंशन और अंत्योदय अन्न योजना जैसी आवश्यक सुविधाओं से वंचित होना पड़ा। (हरियाणा PPP पुनः सक्रियता)
आवास योजना और वृद्धाश्रम की स्थिति पर आयोग की चिंता
शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया कि अमर सिंह भूमिहीन और सामाजिक रूप से कमजोर हैं, फिर भी उन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत कोई प्लॉट या सहायता नहीं मिली। (हरियाणा आवास योजना मुद्दा)
इसके अलावा, जिस वृद्धाश्रम में वे रह रहे हैं—रेडक्रॉस भवन, वार्ड नं. 11, पानीपत—वहां की स्थिति बेहद अस्वास्थ्यकर और अमानवीय है। आयोग ने इसे अनुच्छेद 21 के तहत गरिमामय जीवन के अधिकार का उल्लंघन माना है। (हरियाणा वृद्धाश्रम की स्थिति)
आयोग के निर्देश और अगली सुनवाई की तारीख
आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ललित बत्रा ने इसे “गंभीर प्रशासनिक विफलता” करार देते हुए कई विभागों को नोटिस जारी किए हैं। इनमें CRID, Housing for All, नगर निगम, जिला रेडक्रॉस सोसायटी और वृद्धाश्रम प्रबंधन शामिल हैं। (हरियाणा सरकार का नोटिस)
आयोग ने दिए निर्देश:
- PPP की जांच कर पुनः सक्रिय किया जाए।
- आवास योजना की पात्रता की दोबारा जांच हो।
- वृद्धाश्रम में सफाई, फॉगिंग और पेस्ट कंट्रोल दो सप्ताह में सुनिश्चित किया जाए।
- संयुक्त निरीक्षण कर रिपोर्ट आयोग को भेजी जाए।
- अगली सुनवाई की तारीख 15 अक्टूबर 2025 तय की गई है। (हरियाणा मानव अधिकार सुनवाई की तारीख)