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हरियाणा में BPL राशन कार्ड रद्दीकरण पर उठे सवाल

हरियाणा में 6.36 लाख परिवारों के BPL राशन कार्ड रद्द होने की खबरें सामने आई हैं, जिससे कई परिवारों को मुफ्त राशन की सुविधा से वंचित होना पड़ेगा। खाद्य आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के अनुसार, यह बदलाव कई सवालों को जन्म दे रहा है, खासकर उन परिवारों के लिए जिनकी आय में कोई वृद्धि नहीं हुई है। फरीदाबाद में सबसे अधिक कार्ड रद्द हुए हैं, और लोग इस निर्णय की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। जानें इस मुद्दे की पूरी जानकारी और इसके पीछे के कारण।
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हरियाणा में BPL राशन कार्ड रद्दीकरण पर उठे सवाल

हरियाणा में गरीबी रेखा से बाहर होने वाले परिवारों की संख्या

हरियाणा में BPL राशन कार्ड: 6.36 लाख परिवार गरीबी रेखा से बाहर, कार्ड रद्द होने पर उठे सवाल: हरियाणा में गरीबी रेखा (Below Poverty Line) से बाहर होने की खबरें चर्चा का विषय बन गई हैं। खाद्य आपूर्ति विभाग के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, राज्य के 6.36 लाख परिवार अब गरीबी रेखा से बाहर हो चुके हैं।


इस बदलाव के कारण कई परिवारों को सरकारी योजनाओं (Government Schemes) के तहत मुफ्त राशन की सुविधा से वंचित होना पड़ेगा। हालांकि, इन आंकड़ों पर सवाल भी उठाए जा रहे हैं। आइए, इस मुद्दे को विस्तार से समझते हैं।


BPL सूची में कमी: कारण क्या है?

BPL सूची में कमी: कारण क्या है? BPL राशन कार्ड हरियाणा


खाद्य आपूर्ति विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दो महीने पहले हरियाणा में 52.50 लाख परिवार गरीबी रेखा के अंतर्गत थे। अब यह संख्या घटकर 46.14 लाख हो गई है। इसका मतलब है कि 6,36,136 परिवारों को BPL सूची से हटा दिया गया है। सरकार का कहना है कि इन परिवारों की वार्षिक आय अब 1.80 लाख रुपये से अधिक हो गई है। इसके अलावा, कई परिवारों के पास महंगी गाड़ियां होने का भी दावा किया गया है।


इस कारण से इन परिवारों को अगस्त से मुफ्त राशन जैसी सुविधाएं नहीं मिलेंगी। लेकिन इस निर्णय पर सवाल उठ रहे हैं। कई परिवारों का कहना है कि उनकी आय में कोई वृद्धि नहीं हुई है। कुछ मामलों में बिना सर्वे के आय बढ़ा दी गई, और फैमिली आईडी में गलत जानकारी, जैसे गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन, दर्ज कर दी गई है।


फरीदाबाद में सबसे अधिक कार्ड रद्द

फरीदाबाद में सबसे अधिक कार्ड रद्द


BPL कार्ड रद्द करने में फरीदाबाद सबसे आगे रहा, जहां 20,266 कार्ड हटाए गए। इसके बाद पानीपत में 15,502 और करनाल में 15,059 कार्ड रद्द हुए। अन्य जिलों में भी यह प्रक्रिया जारी रही।


अंबाला में 14,501, गुरुग्राम में 14,301, सोनीपत में 12,498, और यमुनानगर में 10,964 कार्ड कटे। रोहतक, कैथल, हिसार, सिरसा जैसे जिलों में भी हजारों कार्ड रद्द हुए। सबसे कम प्रभाव चरखी दादरी में देखा गया, जहां 1,568 कार्ड हटाए गए। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि सरकार ने बड़े पैमाने पर BPL सूची को संशोधित किया है। लेकिन कई लोग इसे गलत डेटा के आधार पर लिया गया निर्णय बता रहे हैं।


लोगों की चिंताएं और जांच की मांग

लोगों की चिंता और जांच की मांग


सरकार के इस कदम से कई परिवार परेशान हैं। जिनके कार्ड रद्द हुए, उनका कहना है कि उनके पास न तो महंगी गाड़ियां हैं और न ही उनकी आय में कोई बड़ा बदलाव आया है। कुछ मामलों में फैमिली आईडी में गलत जानकारी दर्ज होने की शिकायतें भी सामने आई हैं। लोग मांग कर रहे हैं कि इसकी निष्पक्ष जांच की जाए।


यह मुद्दा न केवल गरीब परिवारों की आजीविका से जुड़ा है, बल्कि सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाता है। सरकार को चाहिए कि वह इन शिकायतों को गंभीरता से ले और प्रभावित परिवारों की बात सुने। यह कदम न केवल विश्वास बहाली में मदद करेगा, बल्कि सामाजिक न्याय को भी बढ़ावा देगा।