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हरियाणा में अगले तीन दिनों के लिए भारी बारिश का अलर्ट

हरियाणा में मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। 15 से 17 अगस्त तक कई जिलों में येलो अलर्ट रहेगा, जिसमें पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर और कुरुक्षेत्र शामिल हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून की सक्रियता बढ़ रही है, जिससे बारिश की तीव्रता में वृद्धि हो सकती है। नागरिकों को सलाह दी गई है कि वे सावधानी बरतें और अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें। किसानों को अपनी फसलों को सुरक्षित स्थान पर रखने की सलाह दी गई है।
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हरियाणा में अगले तीन दिनों के लिए भारी बारिश का अलर्ट

मौसम का हाल: अगले तीन दिन भारी बारिश की संभावना

हरियाणा में मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के लिए भारी बारिश की चेतावनी जारी की है: मौसम केंद्र चंडीगढ़ के अनुसार, 15 से 17 अगस्त तक राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में तेज बारिश होने की संभावना है। विशेष रूप से पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर और कुरुक्षेत्र में येलो अलर्ट जारी किया गया है।


सुबह 10 बजे तक जीटी रोड बेल्ट के जिलों में फ्लैश अलर्ट जारी किया गया। विशेषज्ञों का मानना है कि मानसून की गतिविधियाँ बढ़ रही हैं, जिससे बारिश की तीव्रता में वृद्धि हो सकती है।


कौन से जिलों में बारिश का प्रभाव कितना होगा?


15 अगस्त को पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, गुरुग्राम, फरीदाबाद, मेवात और पलवल में येलो अलर्ट रहेगा। फतेहाबाद और कैथल में 0-25% बारिश की संभावना है, जबकि हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, रोहतक, जींद, पानीपत, सोनीपत और करनाल में 25-50% तक वर्षा हो सकती है।


16 अगस्त को अंबाला, यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत में येलो अलर्ट रहेगा। पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत में 50-75% बारिश की संभावना है, जबकि अन्य जिलों में 25-50% तक वर्षा हो सकती है।


17 अगस्त को कोई विशेष अलर्ट नहीं है, लेकिन सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, गुरुग्राम, फरीदाबाद, मेवात, पलवल, झज्जर, रोहतक, जींद में 0-25% और पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, सोनीपत में 25-50% बारिश की संभावना है।


लोगों को सावधानी बरतने की सलाह


मौसम विभाग ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे मौसम की चेतावनी का पालन करें और अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें। विशेष रूप से उन जिलों में जहां येलो अलर्ट है, जलभराव और बिजली गिरने की घटनाएँ हो सकती हैं।


किसानों को भी सलाह दी गई है कि वे अपनी फसलों को सुरक्षित स्थान पर रखें और खेतों में जल निकासी की व्यवस्था सुनिश्चित करें। प्रशासन ने सभी जिलों में आपातकालीन सेवाओं को सतर्क रखा है।