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हरियाणा में अरावली पहाड़ियों पर विकसित होगी जंगल सफारी

हरियाणा सरकार ने अरावली पहाड़ियों में 10,000 एकड़ में जंगल सफारी विकसित करने का निर्णय लिया है। इस सफारी में खतरनाक जानवर नहीं होंगे, जिससे पर्यटक बिना डर के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकेंगे। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पर्यावरणीय मानकों के अनुसार सफारी के विकास की बात की है। इसके अलावा, जल निकासी व्यवस्था और साफ-सफाई में सुधार के लिए भी ठोस कदम उठाए जाएंगे। जानें इस नई पहल के बारे में और क्या योजनाएं हैं।
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हरियाणा में अरावली पहाड़ियों पर विकसित होगी जंगल सफारी

हरियाणा सरकार की नई पहल

हरियाणा सरकार ने अरावली पहाड़ियों में 10,000 एकड़ क्षेत्र में जंगल सफारी बनाने का निर्णय लिया है। इस सफारी की विशेषता यह होगी कि इसमें शेर और चीते जैसे खतरनाक जानवर नहीं रखे जाएंगे। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने यह कदम उठाया है ताकि पर्यटक बिना किसी भय के प्राकृतिक सौंदर्य का अनुभव कर सकें।


पर्यावरण के अनुकूल विकास

मुख्यमंत्री ने बजट घोषणाओं की समीक्षा बैठक में बताया कि जंगल सफारी को सभी पर्यावरणीय मानकों के अनुसार विकसित किया जाएगा। इसमें ऐसे पौधे लगाए जाएंगे जो बरसात के मौसम में आसानी से बढ़ सकें, जिससे सफारी क्षेत्र की हरियाली और प्राकृतिक आकर्षण बना रहे।


अन्य योजनाओं की समीक्षा

मुख्यमंत्री ने पर्यावरण एवं वन विभाग की अन्य योजनाओं की भी समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि पर्यावरण संरक्षण से संबंधित सभी योजनाओं पर तेजी से कार्य किया जाए और उनकी नियमित निगरानी की जाए।


जल निकासी व्यवस्था पर ध्यान

बैठक के दौरान अंबाला, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर के ड्रेनेज सिस्टम पर भी चर्चा हुई। CM सैनी ने कहा कि किसी भी स्थिति में सीवर या फैक्ट्रियों का गंदा पानी नालों में नहीं जाना चाहिए। पहले चरण में इन जिलों में ऐसे स्थानों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।


साफ-सफाई में सुधार

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि अगले तीन महीनों में इन जिलों में साफ-सफाई और जल निकासी व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को चाहिए।


पर्यटन एवं विरासत विभाग की प्रगति

मुख्यमंत्री ने पर्यटन एवं विरासत विभाग की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने बताया कि प्रदेश में तीज-त्योहारों और मेलों के आयोजन के लिए 100 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है।