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हरियाणा में आईपीएस अधिकारी के सुसाइड मामले में मुख्यमंत्री का सख्त बयान

हरियाणा में आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार के आत्महत्या मामले में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने सख्त बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार दोषियों को बख्शेगी नहीं और मामले की गहन जांच कराई जाएगी। इस बीच, परिवार ने पोस्टमार्टम के लिए कुछ शर्तें रखी हैं। जानें इस मामले में क्या हो रहा है और विपक्ष की प्रतिक्रिया क्या है।
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हरियाणा में आईपीएस अधिकारी के सुसाइड मामले में मुख्यमंत्री का सख्त बयान

मुख्यमंत्री का बयान

चंडीगढ़। हरियाणा में आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार के आत्महत्या मामले पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने पंचकूला में कहा कि सरकार इस मामले की गहन जांच कराएगी और किसी भी दोषी को नहीं बख्शा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी को परेशान किया गया, तो सरकार उसे बर्दाश्त नहीं करेगी। इसके अलावा, उन्होंने विपक्ष से अपील की कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। यदि परिवार के साथ अन्याय हुआ है, तो न्याय दिलाने की जिम्मेदारी हमारी सरकार की है।


सरकारी बैठक और कार्रवाई

मुख्यमंत्री नायब सैनी ने बीती रात अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी, जिसके बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार डीजीपी शत्रुजीत कपूर को हटा सकती है। इस मामले में रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजारणिया को पहले ही हटा दिया गया है और उनकी जगह सुरेंद्र सिंह भौरिया को नियुक्त किया गया है। इस घटना को लेकर विपक्षी दल लगातार सरकार पर हमले कर रहे हैं।


पोस्टमार्टम की स्थिति

आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार के शव का पोस्टमार्टम आज तक नहीं हो पाया है। डॉक्टर्स, फोरेंसिक एक्सपर्ट्स और वीडियोग्राफी टीम चंडीगढ़ पीजीआई की मॉच्र्युरी में पहुंची, लेकिन परिवार का कोई सदस्य वहां नहीं आया। चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर ने बताया कि पोस्टमार्टम केवल परिवार की सहमति के बाद ही किया जाएगा।


परिवार की मांग

पूरन कुमार के परिवार और अनुसूचित समाज ने मिलकर 31 सदस्यीय एक समिति बनाई है। समिति का कहना है कि जब तक हरियाणा के डीजीपी कपूर और एसपी नरेंद्र बिजारणिया को गिरफ्तार नहीं किया जाता, तब तक परिवार पोस्टमार्टम नहीं कराएगा। इसके अलावा, कल दोपहर 2 बजे चंडीगढ़ के सेक्टर-20 स्थित गुरु रविदास गुरुद्वारे में एक महापंचायत आयोजित की जाएगी।