हरियाणा में आयुष्मान भारत योजना का संकट: निजी अस्पतालों ने इलाज रोका

हरियाणा में आयुष्मान भारत योजना का संकट
हरियाणा में आयुष्मान भारत योजना: निजी अस्पतालों ने उपचार बंद किया, आईएमए ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए: (हरियाणा में आयुष्मान भारत संकट) ने राज्य के मरीजों को कठिनाई में डाल दिया है। 7 अगस्त से, राज्य के निजी अस्पतालों ने (आयुष्मान भारत योजना हरियाणा) और (चिरायु योजना हरियाणा) के तहत उपचार देना बंद कर दिया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA हरियाणा) ने इस निर्णय के लिए सरकार की लापरवाही और बकाया भुगतान को जिम्मेदार ठहराया है।
आईएमए के अनुसार, सरकार ने मार्च 2025 से अब तक केवल 10-15% भुगतान किया है। इससे छोटे अस्पतालों की वित्तीय स्थिति बिगड़ गई है। मरीजों को मुफ्त उपचार देने वाले अस्पताल अब खुद संकट में हैं।
आईएमए ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए
आईएमए हरियाणा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अजय महाजन ने सरकार पर तीखा हमला किया है। उन्होंने कहा कि सरकार डॉक्टरों की उधारी पर वाहवाही लूट रही है। (आईएमए ने सरकार पर आरोप लगाया) के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल के साथ हुई बैठक में कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला।
राजपाल ने बताया कि मानसून सत्र में पूरक बजट की मांग की जाएगी, जिससे भुगतान में एक महीने की देरी तय है। डॉ. महाजन ने कहा कि पिछले दो वर्षों से भुगतान अनियमित हैं और सरकार ने 2024-25 के लिए केवल 700 करोड़ रुपये का बजट रखा है, जबकि आवश्यकता 2,000-2,500 करोड़ रुपये की है।
अस्पतालों की सेवा पर संकट, मरीजों की चिंता बढ़ी
हरियाणा में लगभग 650-700 निजी अस्पताल (निजी अस्पतालों ने उपचार रोका) आयुष्मान भारत योजना से जुड़े हैं। ये अस्पताल राज्य के 90% मरीजों को सेवा प्रदान करते हैं। अब उपचार बंद होने से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
(आयुष्मान भारत बजट) की कमी और प्रशासनिक खामियों के कारण यह संकट गहराता जा रहा है। यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था पर बड़ा असर पड़ सकता है। सरकार को चाहिए कि वह बजट और भुगतान की प्रक्रिया को पारदर्शी और समयबद्ध बनाए।