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हरियाणा में आरटीआई के तहत 33 हजार अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी

हरियाणा में आरटीआई के तहत जानकारी न देने पर 33 हजार लोक सूचना अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। पिछले 19 वर्षों में 1.49 लाख शिकायतें दर्ज की गई हैं। इसके अलावा, 5.91 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। हाल ही में टीवीएसएन प्रसाद को मुख्य सूचना आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और जुर्माने के पीछे की कहानी।
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हरियाणा में आरटीआई के तहत 33 हजार अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी

हरियाणा में आरटीआई के तहत अधिकारियों पर कार्रवाई


12 अक्टूबर, 2005 से 31 मार्च, 2025 तक 1.49 लाख शिकायतें दर्ज
हरियाणा में आरटीआई के तहत जानकारी न देने के कारण 33 हजार लोक सूचना अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह जानकारी एक आरटीआई के जवाब में सामने आई है। हरियाणा सूचना अधिकार मंच के संयोजक सुभाष ने यह जानकारी मांगी थी। पिछले 19 वर्षों में गलत या अधूरी जानकारी देने के लिए 33,179 अधिकारियों को धारा 20 (1) के तहत नोटिस जारी किए गए हैं।


आरटीआई के जवाब में बताया गया है कि हरियाणा में 12 अक्टूबर, 2005 को आरटीआई अधिनियम लागू होने के बाद से 31 मार्च, 2025 तक विभिन्न विभागों के लोक सूचना अधिकारियों के खिलाफ 1,49,863 अपीलें और शिकायतें दर्ज की गई हैं। इनमें से 1,32,365 अपीलें धारा 19(3) के तहत और 17,318 शिकायतें धारा 18(2) के तहत हैं.


जुर्माना और मुआवजा

5.91 करोड़ का जुर्माना लगाया गया


आरटीआई कार्यकर्ताओं के अनुसार, 31 मार्च 2025 तक धारा 20(1) के तहत 4,048 मामलों में कुल 5,91,91,490 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। हालांकि, आधे से अधिक एसपीआईओ ने आयोग के आदेशों का पालन नहीं किया और जुर्माना नहीं भरा। इसके अलावा, धारा 19(8)(बी) के तहत राज्य सूचना आयोग ने 3,637 मामलों में आवेदकों को 93,20,037 रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है.


नवीनतम नियुक्तियाँ

टीवीएसएन प्रसाद बने मुख्य सूचना आयुक्त


हाल ही में हरियाणा के पूर्व मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने मुख्य सूचना आयुक्त के रूप में शपथ ली है। इसके अलावा अमरजीत सिंह, कर्मवारी सैनी, नीता खेड़ा और संजय मदान को राज्य सूचना आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है। हालांकि, इन नियुक्तियों को लेकर पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि जिनकी नियुक्ति हुई है, वे सत्तारूढ़ राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं, जो संविधान के नियमों का उल्लंघन है.


अतिरिक्त जानकारी

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