हरियाणा में इमरजेंसी की 50वीं वर्षगांठ पर बीजेपी की रणनीति

बीजेपी का मेगा प्लान: इमरजेंसी की याद
हरियाणा में इमरजेंसी की 50वीं वर्षगांठ पर बीजेपी का बड़ा आयोजन, 27 प्रमुख नेता शामिल, बंसीलाल परिवार क्यों बाहर?: जब हम हरियाणा में इमरजेंसी की 50वीं वर्षगांठ की बात करते हैं, तो 1975 की वह काली रात याद आती है, जब लोकतंत्र पर ताला लग गया था। 25 जून 2025 को, बीजेपी इस अवसर को विशेष रूप से मनाने की योजना बना रही है। पार्टी ने इस आयोजन के लिए एक विस्तृत योजना बनाई है, जिसमें मुख्यमंत्री नायब सैनी, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर सहित 27 प्रमुख चेहरे शामिल होंगे। इस मौके पर बीजेपी कांग्रेस को घेरने की पूरी तैयारी में है। लेकिन एक चौंकाने वाली बात यह है कि बंसीलाल परिवार की किरण और श्रुति चौधरी को इस अभियान से बाहर रखा गया है। इसके पीछे का रहस्य क्या है? आइए, इस राजनीतिक ड्रामे की गहराई में उतरते हैं और देखते हैं कि हरियाणा में बीजेपी का यह मिशन क्या परिणाम लाएगा!
इमरजेंसी की 50वीं वर्षगांठ: ऐतिहासिक संदर्भ
25 जून 1975 को इंदिरा गांधी ने देश में इमरजेंसी लागू की थी, जिसे बीजेपी ‘लोकतंत्र की हत्या’ मानती है। हरियाणा में इसकी 50वीं वर्षगांठ पर बीजेपी बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित कर रही है। पार्टी का उद्देश्य उस समय की तानाशाही को उजागर करना है। सीएम नायब सैनी करनाल में सभा को संबोधित करेंगे, जबकि केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर फतेहाबाद और राव इंद्रजीत सिंह गुरुग्राम में लोगों को जागरूक करेंगे। बीजेपी का मानना है कि यह अभियान युवाओं को इतिहास का पाठ पढ़ाएगा।
बंसीलाल परिवार को क्यों रखा गया बाहर?
इस मेगा अभियान में बीजेपी ने पूर्व सीएम बंसीलाल की बहू किरण चौधरी और उनकी बेटी, सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी को शामिल नहीं किया। इसका कारण यह है कि बंसीलाल 1975 की इमरजेंसी के दौरान इंदिरा और संजय गांधी के करीबी थे। उस समय बंसीलाल के नसबंदी अभियान ने उन्हें विवादों में डाल दिया था। किरण और श्रुति भले ही अब बीजेपी में शामिल हैं, लेकिन पार्टी नहीं चाहती कि विपक्ष को कोई मुद्दा मिले। यह राजनीतिक चाल बीजेपी की रणनीति को और मजबूत बनाती है।
बीजेपी के प्रमुख नेताओं का कार्यक्रम
हरियाणा में बीजेपी ने अपने प्रमुख नेताओं को इस अभियान का चेहरा बनाया है। सीएम नायब सैनी करनाल में जनसभा को संबोधित करेंगे। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मोहन लाल बडौली पंचकूला में कार्यक्रम की जिम्मेदारी संभालेंगे। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह गुरुग्राम और पूर्व मंत्री रामबिलास शर्मा रेवाड़ी में लोगों से जुड़ेंगे। ये नेता इमरजेंसी के अत्याचारों की कहानी सुनाकर कांग्रेस को कटघरे में खड़ा करेंगे। पार्टी का उद्देश्य है कि लोग लोकतंत्र की कीमत समझें।
कांग्रेस को घेरने की रणनीति
बीजेपी का यह अभियान केवल इतिहास को याद करने तक सीमित नहीं है। पार्टी कांग्रेस पर हमला बोलकर राजनीतिक लाभ भी उठाना चाहती है। इमरजेंसी को लेकर कांग्रेस को घेरना बीजेपी की पुरानी रणनीति रही है। लेकिन बंसीलाल परिवार को बाहर रखकर बीजेपी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। इस अभियान के माध्यम से बीजेपी हरियाणा में अपनी जड़ों को और मजबूत करना चाहती है। क्या यह रणनीति सफल होगी? यह तो भविष्य ही बताएगा।