हरियाणा में गैंगस्टरों के कारण 238 शराब ठेकों की नीलामी रुकी

गृह सचिव ने 7 जिलों के अधिकारियों को बुलाया
हरियाणा में सात जिलों में 238 शराब ठेकों की नीलामी नहीं हो पाई है। इसका मुख्य कारण शराब व्यापार में गैंगस्टरों का बढ़ता हस्तक्षेप है। शराब विक्रेताओं को गैंगस्टरों द्वारा लगातार धमकियाँ मिल रही हैं। कुरुक्षेत्र और जींद में तो शराब कारोबारियों की हत्या भी गैंगस्टरों द्वारा की जा चुकी है। इस स्थिति के चलते इन जिलों में शराब ठेकों की नीलामी अटक गई है।
सरकार ने कड़ा रुख अपनाया
गृह सचिव डॉ. सुमिता मिश्रा ने इन सात जिलों के डीसी, एसपी और जिला आबकारी एवं कराधान आयुक्तों को तलब किया। बैठक में उन्होंने स्थानीय बदमाशों और असामाजिक तत्वों के बीच संभावित मिलीभगत की रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए पुलिस और खुफिया एजेंसियों को ऐसे व्यक्तियों की पहचान करने का निर्देश दिया।
बोलीदाताओं को सुरक्षा का आश्वासन
यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, जींद, हिसार, रोहतक, करनाल और अंबाला के अधिकारियों के साथ बैठक में गृह सचिव ने सभी ठेकेदारों से नीलामी में बिना किसी डर के भाग लेने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि सरकार बोलीदाताओं के साथ मजबूती से खड़ी है और किसी भी प्रकार की धमकी या हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
बोलीदाताओं से सीधा संवाद करें
गृह सचिव ने कहा कि बोलीदाताओं के बीच विश्वास पैदा करने के लिए संबंधित जिलों के डीसी और एसपी को उनसे सीधा संवाद करना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि शराब ठेकों की नीलामी प्रक्रिया को बाधित करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
गैंगस्टरों का दबाव
गैंगस्टरों के दबाव के कारण प्रदेश में शराब के 238 ठेकों की नीलामी नहीं हो पा रही है। गैंगस्टर ठेकों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने का दबाव बना रहे हैं, जिससे बोलीदाता पीछे हट रहे हैं। प्रदेश में शराब ठेकों के लिए 1197 जोन हैं, जिनमें से 956 जोन की नीलामी हो चुकी है। यमुनानगर, पंचकूला, रोहतक, जींद, हिसार और सोनीपत ऐसे क्षेत्र हैं जहां गैंगस्टरों का दबाव सबसे अधिक है।