Newzfatafatlogo

हरियाणा में जाट आरक्षण की मांग फिर से उठी, भाईचारा सम्मेलन 24 अगस्त से

हरियाणा में जाट आरक्षण की मांग एक बार फिर से उठी है, जिसमें 24 अगस्त से भाईचारा सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने अपनी रणनीति को साझा किया है, जिसमें समाज की एकजुटता और अधिकारों की रक्षा पर जोर दिया गया है। जानें इस आंदोलन की नई पहल और इसके पीछे के उद्देश्य।
 | 
हरियाणा में जाट आरक्षण की मांग फिर से उठी, भाईचारा सम्मेलन 24 अगस्त से

जाट आरक्षण आंदोलन की नई पहल

हरियाणा में जाट आरक्षण की मांग फिर से उठी है, 24 अगस्त से भाईचारा सम्मेलन आयोजित होंगे: जाट आरक्षण आंदोलन एक बार फिर से चर्चा में है। जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने 10 अगस्त को रोहतक में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है, जिसमें आरक्षण की मांग को लेकर आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी।


समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रताप सिंह दहिया और प्रदेश अध्यक्ष गंगाराम श्योराण ने बैठक में भाग लिया और यह स्पष्ट किया कि जाट समुदाय को उनका अधिकार मिलना चाहिए। इसके लिए आंदोलन की तैयारी शुरू हो चुकी है।


भाईचारा सम्मेलन का आयोजन


बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 24 अगस्त से हरियाणा के सभी विधानसभा क्षेत्रों में भाईचारा सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। इन सम्मेलनों का उद्देश्य जाट समाज की एकजुटता को बढ़ावा देना और राजनीतिक मतभेदों को भुलाकर समाज को एक मंच पर लाना है।


चरखी दादरी की जाट धर्मशाला में खाप प्रतिनिधियों और समिति के पदाधिकारियों ने मिलकर इस रणनीति को तैयार किया। सम्मेलन के माध्यम से समाज में जागरूकता फैलाने और आंदोलन को जन समर्थन दिलाने का प्रयास किया जाएगा।


आरक्षण को अधिकार मानते हैं, आंदोलन की तैयारी जारी


बैठक में उपस्थित जाट नेताओं ने कहा कि जाट आरक्षण की मांग उनका संवैधानिक अधिकार है और वे इसे प्राप्त करने के लिए एक बार फिर से मुहिम शुरू करेंगे। खाप पंचायतों और संघर्ष समिति के पदाधिकारी इस बार आंदोलन को संगठित और शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।


जाट आरक्षण आंदोलन को लेकर समाज में फिर से सक्रियता देखी जा रही है। नेताओं का कहना है कि यह आंदोलन केवल आरक्षण तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि समाज की एकजुटता और अधिकारों की रक्षा का प्रतीक बनेगा।