हरियाणा में जीएसटी सुधारों से किसानों को मिलेगा लाभ

मुख्यमंत्री का बयान
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जानकारी दी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस 2025 को लाल किले से घोषित जी.एस.टी. सुधारों को एक महीने के भीतर लागू कर दिया गया है। यह मोदी की प्रतिबद्धता का एक उदाहरण है, जो हमेशा पूरी होती है। जी.एस.टी. में किए गए ये परिवर्तन आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होंगे। प्रधानमंत्री के स्वदेशी और मेक इन इंडिया के आह्वान को साकार करने में भी ये सुधार महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.
कृषि और किसानों के हित में सुधार
मुख्यमंत्री ने बताया कि जीएसटी परिषद् द्वारा किए गए सुधारों में कृषि और किसानों के हितों का विशेष ध्यान रखा गया है। हरियाणा एक कृषि प्रधान राज्य है, और इसके अनुरोध पर जीएसटी परिषद् ने फसल अवशेष प्रबंधन में उपयोग होने वाले कृषि उपकरणों पर जी.एस.टी. दरों में कमी की है। इसके लिए उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का आभार व्यक्त किया.
जीएसटी परिषद के नए निर्णय
जीएसटी परिषद के ताज़ा फैसले के अनुसार:
- पैकेज्ड दूध और पनीर पर जीएसटी पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है।
- घी, मक्खन और सूखे मेवों पर टैक्स 12% से घटाकर 5% किया गया।
- रोटी और परांठा जैसे दैनिक खाद्य पदार्थों पर जीएसटी खत्म कर दिया गया।
- कृषि उपकरण जैसे सिंचाई और जुताई मशीनरी पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% कर दी गई।
- जैव-कीटनाशकों और उर्वरक इनपुट्स (अमोनिया, सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड) पर 5% जीएसटी लागू होगी।
- ट्रैक्टर व पुर्जों पर टैक्स दरों में कमी – 1800 सीसी से कम इंजन क्षमता वाले ट्रैक्टरों पर जीएसटी 12% से घटाकर 5% और 1800 सीसी से अधिक क्षमता वाले ट्रैक्टरों पर 28% से घटाकर 18% कर दी गई।
सकारात्मक प्रभाव
उन्होंने कहा कि इन सुधारों से पारंपरिक खाद्य व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा। इससे हरियाणा के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को भी मजबूती मिलेगी, किसानों को अपनी फसलों का मूल्यवर्धन करने में सहायता मिलेगी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे.