हरियाणा में ठंड का असर: तापमान में गिरावट और रजाई की आवश्यकता
हरियाणा का मौसम 8 नवंबर: चंडीगढ़
फरीदाबाद और हरियाणा के मैदानी क्षेत्रों में ठंड का प्रभाव बढ़ने लगा है। तापमान में अचानक गिरावट आई है, जो अब 10°C से भी नीचे चला गया है। पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी और उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण ठंड में इजाफा हुआ है। 9 नवंबर तक मौसम शुष्क रहेगा, सुबह और रात में ठंड महसूस होगी, जबकि दिन में हल्की धूप देखने को मिलेगी। रजाई की आवश्यकता महसूस हो सकती है।
फरीदाबाद में ठंड का असर
फरीदाबाद और हरियाणा के मैदानी इलाकों में ठंड का असर बढ़ता जा रहा है। पिछले दो दिनों में तापमान में काफी गिरावट आई है। हाल ही में लोग पंखे चला रहे थे, लेकिन अब ठंड इतनी बढ़ गई है कि पंखे बंद करने पड़े हैं। मौसम विभाग के अनुसार, 9 नवंबर तक ठंड और बढ़ने की संभावना है।
रजाई की आवश्यकता
हालांकि अभी रजाई वाली ठंड नहीं आई है और लोग हल्के कंबल से काम चला रहे हैं, लेकिन आने वाले दिनों में रजाई की आवश्यकता महसूस हो सकती है। पहाड़ी क्षेत्रों में हाल की बर्फबारी का असर हरियाणा के मैदानी इलाकों में भी देखने को मिल रहा है। ठंडी हवाओं के चलते तापमान में अचानक गिरावट आई है।
शुक्रवार का तापमान
उदाहरण के लिए, दो दिन पहले न्यूनतम तापमान 16 डिग्री सेल्सियस के आसपास था, जबकि शुक्रवार को यह 10 डिग्री से नीचे चला गया। यमुनानगर में अधिकतम तापमान 24.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से लगभग 7 डिग्री कम था। सोनीपत में न्यूनतम तापमान 9.8 डिग्री तक गिर गया।
मौसम विभाग की जानकारी
मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर-पश्चिमी हवाओं के सक्रिय होने से ठंड बढ़ रही है। हाल ही में आए पश्चिमी विक्षोभ के कारण पहाड़ी क्षेत्रों में हुई बर्फबारी ने नमी बढ़ा दी है, जिससे ठंडी हवाएं मैदानों की ओर बह रही हैं। इसका सीधा असर हरियाणा के मौसम पर पड़ रहा है।
जिलों का मौसम
अंबाला में मौसम साफ रहेगा, हल्की हवाएं चलेंगी। भिवानी और फरीदाबाद में धुंध और धुएं के कारण दृश्यता कम हो सकती है। यमुनानगर में मौसम साफ रहेगा, जबकि पहले हुई बारिश का असर अभी भी महसूस किया जा रहा है। हिसार और सिरसा में सामान्य तापमान के साथ मौसम साफ रहेगा, लेकिन रोहतक में पहले अधिक तापमान दर्ज हुआ था।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर हरियाणा में ठंड का असर धीरे-धीरे बढ़ रहा है। लोगों को सुबह और रात के समय ठंड से बचाव के लिए तैयार रहना होगा और आने वाले दिनों में हल्के कंबल की बजाय रजाई की आवश्यकता भी पड़ सकती है।
