हरियाणा में ठंड का मौसम: ऑरेंज अलर्ट और तापमान में गिरावट
हरियाणा में मौसम में बदलाव
दिसंबर के अंतिम सप्ताह में हरियाणा का मौसम तेजी से बदल रहा है। दिन में धूप निकलने के बावजूद, सुबह की ठंडी हवाओं के कारण तापमान में गिरावट देखी जा रही है। मौसम विभाग ने 26 से 28 दिसंबर के बीच ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसमें ठंड बढ़ने की चेतावनी दी गई है।
वर्तमान मौसम की स्थिति
राज्य में दिन के समय धूप से थोड़ी राहत मिल रही है, लेकिन सुबह और शाम की ठंडी हवाएं ठिठुरन को बढ़ा रही हैं। रात का तापमान लगातार गिर रहा है, जिससे लोग अलाव और गर्म कपड़ों का सहारा ले रहे हैं।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, यह परिवर्तन पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण हो रहा है, जो उत्तर भारत में सर्दी को और बढ़ा देता है।
सबसे ठंडा जिला और तापमान के आंकड़े
हालिया आंकड़ों के अनुसार, सोनीपत राज्य का सबसे ठंडा जिला रहा, जहां न्यूनतम तापमान 4.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। हिसार में अधिकतम तापमान 22.8 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 2.5 डिग्री अधिक है। वहीं, हिसार का न्यूनतम तापमान 5.5 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से थोड़ा कम है।
विशेषज्ञों का मानना है कि साफ आसमान और ठंडी हवाओं के चलते रात का तापमान और गिर सकता है।
ऑरेंज अलर्ट का कारण
भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, लगातार सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण हवाओं की दिशा में बदलाव आ रहा है, जिससे वातावरण में नमी बढ़ रही है। कुछ क्षेत्रों में कोहरा बनने की संभावना है।
जहां कोहरा नहीं बनेगा, वहां सूखी ठंड लोगों को अधिक परेशान कर सकती है।
कोहरे की स्थिति और भविष्यवाणी
पिछले कुछ दिनों में कई जिलों में घना कोहरा देखा गया था, लेकिन अब हवाओं की गति बढ़ने से कोहरा काफी हद तक छंट गया है।
आने वाले दिनों में दिन में धूप निकलने की संभावना है, जबकि सुबह और शाम की ठंड में इजाफा होगा। रात के तापमान में और गिरावट की संभावना है, जिससे बुजुर्गों और बच्चों के लिए ठंड से बचाव जरूरी है।
ठंड का प्रभाव
ठंड का स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ता है, ट्रैफिक और विजिबिलिटी को प्रभावित कर सकता है, और किसानों तथा दिहाड़ी मजदूरों के लिए जोखिम बढ़ा सकता है।
समय पर मौसम की जानकारी लोगों को सावधानी और तैयारी का मौका देती है।
सावधानियां बरतने की आवश्यकता
सुबह और रात में अनावश्यक बाहर निकलने से बचें। बुजुर्गों और बच्चों को ठंड से सुरक्षित रखें। वाहन चलाते समय कोहरे की स्थिति पर ध्यान दें। किसानों को स्थानीय कृषि सलाह का पालन करना चाहिए।
