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हरियाणा में डीडी पावर लेने से इनकार करने वाले प्रोफेसरों पर कार्रवाई का निर्णय

हरियाणा के उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने कॉलेजों में डीडी पावर लेने से इनकार करने वाले प्रोफेसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्णय लिया है। इस संबंध में सभी कॉलेजों को पत्र भेजा गया है, जिसमें चेतावनी दी गई है कि जो प्रोफेसर इस जिम्मेदारी से बचते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राज्य के 184 कॉलेजों में से 104 में प्रिंसिपल की कमी है, जिससे कई महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हो रहे हैं। जानें इस मुद्दे पर और क्या जानकारी है।
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हरियाणा में डीडी पावर लेने से इनकार करने वाले प्रोफेसरों पर कार्रवाई का निर्णय

उच्चतर शिक्षा निदेशालय का सख्त कदम


चंडीगढ़ समाचार: हरियाणा के कॉलेजों में ड्रॉइंग एंड डिस्बर्सिंग (डीडी) पावर लेने से इनकार करने वाले प्रोफेसरों के खिलाफ उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने कठोर कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में सभी कॉलेजों को एक पत्र भेजा गया है, जिसमें स्पष्ट चेतावनी दी गई है कि जो प्रोफेसर डीडी पावर लेने से मना करेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीडी पावर का अर्थ है किसी व्यक्ति या अधिकारी को वित्तीय लेनदेन करने, विशेष रूप से धन निकालने और खर्च करने का अधिकार होना।


प्रिंसिपल की अनुपस्थिति में वरिष्ठतम प्रोफेसर को दी जाती है पावर

राज्य के कॉलेजों में जब प्रिंसिपल का पद खाली होता है, तो वरिष्ठतम प्रोफेसर को डीडी पावर सौंपा जाता है। हालांकि, कुछ प्रोफेसर इस जिम्मेदारी से बचने के लिए विभिन्न बहाने बनाते हैं और निदेशालय को पत्र लिखते हैं। उच्चतर शिक्षा विभाग के महानिदेशक के अनुसार, डीडी पावर न लेने से स्टाफ की सैलरी, छात्रों की फीस और बिजली बिल जैसे महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित होते हैं।


हरियाणा के सरकारी कॉलेजों में प्रिंसिपल की कमी

हरियाणा के 56 प्रतिशत सरकारी कॉलेजों में प्रिंसिपल नहीं हैं। कुल 184 कॉलेजों में से 104 कॉलेज प्रिंसिपल की कमी का सामना कर रहे हैं। कामकाज के लिए सहायक प्रोफेसरों को अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। लंबे समय से न तो सहायक प्रोफेसरों की पदोन्नति हुई है और न ही प्रिंसिपल के पदों पर सीधी भर्ती हो पाई है, जिसके कारण कॉलेजों को मुखिया नहीं मिल पा रहे हैं।


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