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हरियाणा में तंबाकू उत्पादों पर एक साल का प्रतिबंध

हरियाणा की नायब सैनी सरकार ने गुटखा, पान मसाला और तंबाकू उत्पादों पर एक साल का प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। यह कदम लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए उठाया गया है, क्योंकि इन उत्पादों के सेवन से कैंसर के मामलों में वृद्धि हो रही है। सरकार ने विक्रेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की चेतावनी दी है, जिसमें भारी जुर्माना भी शामिल है। जानें इस फैसले के पीछे की वजह और इसके संभावित प्रभाव।
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हरियाणा में तंबाकू उत्पादों पर एक साल का प्रतिबंध

हरियाणा में तंबाकू उत्पादों पर प्रतिबंध

चंडीगढ़। हरियाणा की नायब सैनी सरकार ने गुटखा, पान मसाला और तंबाकू जैसे उत्पादों पर एक साल के लिए पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।


खाद्य एवं औषधि विभाग के हालिया आदेश के अनुसार, इन उत्पादों का निर्माण, भंडारण, वितरण या बिक्री सभी पर रोक लगा दी गई है। यदि कोई व्यक्ति इनकी बिक्री करते हुए पकड़ा गया, तो सरकार कठोर कार्रवाई करेगी, बिना किसी दया के।


स्वास्थ्य के लिए उठाया गया कदम

सरकारी अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए लिया गया है। तंबाकू और निकोटिन युक्त ये उत्पाद मानव शरीर के लिए अत्यंत हानिकारक हैं।


केंद्र सरकार ने 2011 में इन पर प्रतिबंध लगाया था, और अब हरियाणा ने भी एक साल की अवधि के लिए इनका उपयोग बंद कर दिया है। आदेश में उल्लेख किया गया है कि विक्रेताओं के खिलाफ न केवल कार्रवाई की जाएगी, बल्कि उन पर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा।


कैंसर के बढ़ते मामलों की चिंता

हरियाणा में हर महीने लगभग 3,000 नए कैंसर के मरीज सामने आ रहे हैं। गुटखा, पान मसाला और तंबाकू में निकोटिन, भारी धातुएं और जहरीले रसायन होते हैं।


इनका नियमित सेवन मुंह, गले, फेफड़ों और अन्य अंगों में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। यही कारण है कि सरकार ने जनता के कल्याण के लिए इन उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। अब उम्मीद है कि यह कदम लोगों की जान बचाने में सहायक होगा।