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हरियाणा में पटाखों पर स्थायी प्रतिबंध: जानें किन जिलों में लागू होगा

हरियाणा में पटाखों पर अब स्थायी प्रतिबंध लागू किया गया है, जो केवल दिवाली तक सीमित नहीं रहेगा। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने 14 जिलों में पटाखों की बिक्री और उपयोग पर रोक लगाई है। जानें किन जिलों में यह नियम लागू है, शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया और उल्लंघन पर क्या दंड है। यह कदम प्रदूषण को नियंत्रित करने और लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए उठाया गया है।
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हरियाणा में पटाखों पर स्थायी प्रतिबंध: जानें किन जिलों में लागू होगा

हरियाणा में पटाखों पर प्रतिबंध का विस्तार

हरियाणा में पटाखों पर प्रतिबंध: दिवाली और शादियों में भी नहीं चलेंगे पटाखे, जानें किन जिलों में लागू है: हरियाणा में पटाखों पर प्रतिबंध अब केवल दिवाली तक सीमित नहीं रहेगा। हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने एनसीआर में शामिल 14 जिलों में पटाखों की बिक्री, निर्माण, भंडारण और उपयोग पर पूर्ण रोक लगाने का निर्णय लिया है। यह कदम सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है।


इस नए नियम के तहत ग्रीन पटाखों की बिक्री की भी अनुमति नहीं होगी। पहले केवल त्योहारों के दौरान सीमित समय के लिए रोक लगाई जाती थी, लेकिन अब यह प्रतिबंध पूरे वर्ष लागू रहेगा। यह निर्णय लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा और प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के उद्देश्य से लिया गया है। (हरियाणा में पटाखों पर प्रतिबंध) अब एक स्थायी नीति बन गई है।


प्रतिबंध लागू होने वाले जिले

इन जिलों में लागू हुआ प्रतिबंध: हरियाणा के जिन जिलों में यह प्रतिबंध लागू किया गया है, उनमें गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, नूंह, रेवाड़ी, रोहतक, झज्जर, चरखी दादरी, महेन्द्रगढ़, भिवानी, सोनीपत, पानीपत, जींद और करनाल शामिल हैं। इन जिलों में अब कोई भी व्यक्ति (दिवाली पटाखा प्रतिबंध) के तहत पटाखे नहीं चला सकेगा।


शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने हर जिले के लिए अलग WhatsApp नंबर और ईमेल आईडी जारी की है, ताकि लोग उल्लंघन की शिकायत दर्ज करा सकें। यह शिकायत निवारण तंत्र लोगों को जागरूक करने और नियमों के पालन को सुनिश्चित करने के लिए बनाया गया है। (पटाखा शिकायत WhatsApp) के माध्यम से अब कार्रवाई भी तेज़ होगी।


उल्लंघन पर दंड

उल्लंघन पर सजा और जुर्माना: पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 5 और 15 के तहत यह प्रतिबंध लागू किया गया है। यदि कोई व्यक्ति इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे 5 साल तक की सजा या 1 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। यदि उल्लंघन लगातार होता है, तो हर दिन के लिए 5 हजार रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया जा सकता है।


यदि कोई कंपनी इन नियमों का उल्लंघन करती है, तो उस पर 15 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। (पटाखा दंड हरियाणा) अब एक गंभीर कानूनी मामला बन चुका है, जिससे बचना आवश्यक है। यह कदम प्रदूषण को नियंत्रित करने और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।