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हरियाणा में पिता द्वारा बच्चों की हत्या: एक दिल दहला देने वाली घटना

हरियाणा के भिवानी जिले में एक पिता ने अपने 17 वर्षीय बेटे और 16 वर्षीय बेटी की हत्या कर दी और फिर आत्महत्या का प्रयास किया। यह घटना न केवल पारिवारिक संकट को दर्शाती है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के गंभीर मुद्दों को भी उजागर करती है। जानें इस दिल दहला देने वाली घटना के पीछे की कहानी और इसके कारण।
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हरियाणा में पिता द्वारा बच्चों की हत्या: एक दिल दहला देने वाली घटना

भिवानी में हुई त्रासदी

हरियाणा क्राइम समाचार: पिता ने अपने बच्चों की हत्या की, फिर आत्महत्या का प्रयास किया! भिवानी जिले के धनाना गांव में एक ऐसी घटना घटी है जिसने सभी को स्तब्ध कर दिया है। एक पिता ने अपने 17 वर्षीय बेटे और 16 वर्षीय बेटी की निर्दयता से हत्या कर दी और फिर खुद को खत्म करने की कोशिश की।


घटना का विवरण

यह घटना न केवल पारिवारिक संकट को दर्शाती है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक दबावों के गंभीर मुद्दों को भी उजागर करती है। आइए, इस दिल दहला देने वाली घटना के पीछे की कहानी को समझते हैं।


रविवार को धनाना गांव के सुभाष ने अपने बच्चों, बसंत और आरुषि, जो दोनों 12वीं कक्षा के छात्र थे, को पहले मैंगो शेक में नींद की गोलियां मिलाकर दीं। जब बच्चे गहरी नींद में चले गए, तब सुभाष ने उनका गला घोटकर उनकी जान ले ली।


आत्महत्या का प्रयास

इसके बाद, उसने खुद भी जहर खाकर और फंदा लगाकर आत्महत्या की कोशिश की। हालांकि, पड़ोसियों ने समय रहते उसे बचा लिया और अस्पताल पहुंचाया, जहां उसका इलाज चल रहा है। पुलिस ने सुभाष के खिलाफ बच्चों की दादी के बयान के आधार पर हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है।


पारिवारिक पृष्ठभूमि

इस घटना की जड़ में सुभाष की पत्नी की हालिया मृत्यु है, जो 8 मई 2025 को जहरीला पदार्थ निगलने से हुई थी। सुभाष ने दावा किया कि उसकी पत्नी को उसके माता-पिता ने जहर दिया था, और इस घटना ने उसे गहरे अवसाद में डाल दिया।


उसने बताया कि वह अपनी पत्नी की मौत से उबर नहीं पाया और अपनी मां पर उसे तंग करने का आरोप लगाया। सुभाष ने यह भी कहा कि उसने बच्चों की हत्या इसलिए की, क्योंकि वह नहीं चाहता था कि उसके मरने के बाद बच्चे अकेले रहें। उसने अपनी पत्नी की बरसी के दिन, 8 तारीख को, इस भयानक कदम को अंजाम देने का फैसला किया।


घटना का अंत

सुभाष ने इस घटना को अंजाम देने से पहले कई दिनों तक नींद की गोलियां इकट्ठा की थीं। उसने बच्चों की हत्या के बाद उनकी नब्ज और सांसें जांचकर यह सुनिश्चित किया कि वे मर चुके हैं। इसके बाद उसने बच्चों के शवों को बांध दिया और खुद जहर खा लिया।


वह इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी बना रहा था, तभी पड़ोस की एक महिला ने उसे देख लिया और शोर मचाया। लोगों ने तुरंत हस्तक्षेप किया और उसे फंदे से उतारकर अस्पताल पहुंचाया। पुलिस ने बच्चों के शव बरामद कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिए हैं और सुभाष से पूछताछ जारी है।


मानसिक स्वास्थ्य की आवश्यकता

यह घटना हमें मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और परिवार में संवाद की जरूरत को रेखांकित करती है। सुभाष जैसे लोग, जो गहरे दुख और अवसाद से जूझ रहे हैं, अक्सर ऐसी चरम परिस्थितियों में गलत कदम उठा लेते हैं। यह समाज के लिए एक चेतावनी है कि हमें अपने आसपास के लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना होगा।