हरियाणा में पुलिस अधिकारियों की आत्महत्या का मामला: आरोप और विवाद

हरियाणा में आत्महत्या का मामला
चंडीगढ़। हरियाणा के आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या का मामला जटिल होता जा रहा है। उनकी पत्नी और परिवार पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर रहे हैं और राज्य के उच्च पुलिस अधिकारियों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। इसी बीच, मंगलवार को एक अन्य पुलिस अधिकारी ने भी आत्महत्या कर ली है, जिसने दिवंगत आईपीएस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
संदीप कुमार की आत्महत्या
मंगलवार को रोहतक के साइबर सेल में तैनात असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर संदीप कुमार का शव मिला। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने खुद को गोली मारकर आत्महत्या की। उनका शव लाढ़ौत रोड पर स्थित अपने मामा के घर के पास खेत में पाया गया। मौके से एक चार पन्नों का सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। संदीप ने मरने से पहले एक वीडियो रिकॉर्ड किया, जिसमें उन्होंने आईपीएस वाई पूरन कुमार और उनके गनमैन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए।
भ्रष्टाचार के आरोप
संदीप कुमार ने वीडियो में कहा, 'भ्रष्टाचार के मामले में बदनामी के डर से आईपीएस पूरन ने आत्महत्या की। उन्हें चिंता थी कि इससे परिवार की राजनीति प्रभावित होगी।' उल्लेखनीय है कि छह अक्टूबर को रोहतक पुलिस ने पूरन कुमार के गनमैन सुशील कुमार को शराब कारोबारी से रिश्वत मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इसके अगले दिन, यानी सात अक्टूबर को, पूरन कुमार ने चंडीगढ़ में आत्महत्या कर ली।
परिवार का रुख
संदीप कुमार के परिवार ने भी उनके पोस्टमार्टम से इनकार कर दिया है। उन्होंने संदीप का शव लाढ़ौत गांव में अपने मामा के घर पर रखा है और कहा है कि जब तक एफआईआर दर्ज नहीं होगी, वे पोस्टमार्टम नहीं कराएंगे। घटना की जानकारी मिलने के बाद, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एएसपी प्रतीक कुमार परिवार को समझाने के लिए पहुंचे। इस बीच, रोहतक पुलिस ने एक प्रेस बयान जारी कर कहा कि संदीप कुमार ने सर्विस रिवॉल्वर से आत्महत्या की है। उनके शव के पास से एक सुसाइड नोट मिला है और वीडियो की जांच की जा रही है।
संदीप का वीडियो
संदीप कुमार के वीडियो में उन्होंने आईपीएस पूरन कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, 'इनमें इतना अहंकार था। जब उन्हें लगा कि पाप का घड़ा भर गया है और बदनामी होगी, तो उन्होंने अपने परिवार को बचाने के लिए आत्महत्या की। बड़ी-बड़ी जांचें हुई हैं, और महिलाएं भी जेल गई हैं। उनकी पत्नी को भी डर था कि वह भ्रष्टाचार के मामले में न फंस जाए।'